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कुमार विश्वास पहले से ही सोनाक्षी सिन्हा पर टिप्पणी करके चर्चा में हैं, लेकिन अब उनका एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें वे योगगुरु बाबा रामदेव पर टिप्पणी कर रहे हैं. इस वीडियो को Streets of Meerut के इंस्टाग्राम हैंडल से पोस्ट किया गया है। इस वीडियो में कुमार विश्वास की बाबा रामदेव पर टिप्पणी से लोग भी भड़क उठे हैं. कुछ लोगों ने कमेंट्स में लिखा है कि उन्हें कुमार विश्वास से ऐसी उम्मीद नहीं थी कि योगगुरु ने स्वदेशी को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।
https://www.instagram.com/reel/DD6kJt8T0wb/?igsh=MTl4Mnl6a3R3bzZteg==कुमार विश्वास, इस वीडियो में बिना नाम बताकर बाबा रामदेव को निशाना बना रहे हैं, कहते हैं कि मैंने नवरात्रि में उनका नमक खरीदा था और उन्होंने कहा कि अगर कोई नहीं खरीदता तो सनातन धर्म से उसी दिन इस्तीफा दे देंगे. कुमार विश्वास आगे बताते हैं कि उस नमक पर एक इबारत लिखी हुई थी कि इस्लामुद्दीन भी खरीद लेगा, क्योंकि यह 25 लाख साल पुराने हिमालय से निकाला हुआ नमक।
कुमार विश्वास यहीं नहीं रुकते, वह आगे कहते हैं कि आदमी भावुक हो जाता है। वह चित्र बनाने लग जाता है कि बाबा कैसे चढ़ा होगा धोती ऊपर करके। कैसे फावड़े ने नमक निकाला होगा। बालकृष्ण जी टोकरी लेकर पीछे खड़े होंगे। उन्होंने कहाकि नीचे कि लाइन जो लिखी हुई थी वह और भी कमाल। नीचे लिखा था, एक्सपायरी डेट 7 फरवरी। ऐसा लग रहा है कि बिल्कुल टाइम पर निकाल लाए बाबा, वरना पड़े-पड़े सड़ जाता।
इस वीडियो पर तमाम लोगों ने कमेंट्स किए हैं। एक यूजर ने लिखा है, रामदेव बाबा की जगह अगर आप गुटखा प्रचार पर बोलते तो शायद ज्यादा अच्छा होता। एक अन्य ने कमेंट किया है, हम भारतीय इसी तरह अपनों से ही जलते हैं। कुछ कुलवेंद्र सिंह शेखावत नाम के व्यक्ति ने टिप्पणी की है, ‘कुमार विश्वास बी लाइक, चार लोगों की तालियां सुनने के लिए कुछ भी बोल देता हूं। वहीं, कुछ यूजर्स ने कुमार विश्वास की निडरता के लिए उनकी तारीफ भी की है।
मेरठ में एक कवि सम्मेलन के दौरान कवि कुमार विश्वास के दिए एक बयान पर पूरा बवाल मचा हुआ है। सोशल मीडिया पर इसे लेकर कुमार विश्वास की आलोचना की जा रही है। कवि कुमार विश्वास ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में आयोजित एक कविता समारोह के दौरान कहा, “अपने बच्चों को नाम याद कराइए, सीताजी के बहनों के, भगवान राम के भाइयों के. साथ ही अपने बच्चों को रामायण सुनवाइए, गीता पढ़वाइए, अन्यथा ऐसा न हो कि आपके घर का नाम ‘रामायण’ हो लेकिन आपके घर की ‘श्रीलक्ष्मी’ कोई और उठाकर ले जाए.”