IRCTC ने पांच साल पहले प्राइवेट ट्रेनों के विलंब पर यात्रियों को हर्जाना देने की योजना को बंद कर दिया है. साथ ही गोपनीयता नीति का हवाला देते हुए इस योजना को बंद करने का कारण बताने से इनकार किया है. समाचार एजेंसी ‘भाषा’ द्वारा सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत दाखिल आवेदन के जवाब में यह जानकारी प्राप्त हुई.
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) के मुताबिक, इस योजना के तहत चार अक्तूबर 2019 से इस वर्ष 16 फरवरी तक यात्रियों को 26 लाख रुपये हर्जाने के तौर पर दिए गए. आईआरसीटीसी द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के मुताबिक, अकेले 2023-24 में 15.65 लाख रुपये का हर्जाना यात्रियों को दिया गया. आईआरसीटीसी ने आरटीआई के जवाब में बताया कि प्राइवेट ट्रेनों के विलंब या देरी से चलने की स्थिति में हर्जाना प्रदान करने वाली योजना 15 फरवरी 2024 को बंद कर दी गई. आईआरसीटीसी दो तेजस ट्रेनों का संचालन करता है जिसमें से एक नई दिल्ली से लखनऊ और दूसरी अहमदाबाद से मुंबई के लिए शुरू की गई थी.
60 मिनट की देरी पर 100 रुपये हर्जाना
आईआरसीटीसी ने बताया कि 60 से 120 मिनट की देरी पर 100 रुपये और 120 से 240 मिनट के विलंब के लिए 250 रुपये यात्री को हर्जाने के तौर पर दिया जाता था. ट्रेन के रद्द होने पर पूरा किराया वापस किया जाता था.