छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ सियासी हस्तियों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. हाल ही में ईडी ने राज्य के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके पुत्र, और करीबी लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान ईडी ने दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और पूर्व मंत्री लखमा व उनके पुत्र का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है.
ED ने मामले में कवासी लखमा समेत अन्य लोगों को समन जारी करते हुए पूछताछ के लिए कार्यालय बुलाया है. इस समन के बाद घोटाले में शामिल अन्य व्यक्तियों की गिरफ्तारी की आशंका बढ़ गई है.
जांच का दायरा बढ़ा
ED ने कवासी लखमा के अलावा कांग्रेस नेता सुशील ओझा, सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू, और सद्दाम सोलंकी को भी समन भेजा है. बताया जा रहा है कि ईडी ने ओझा और सोलंकी के ठिकानों पर भी छापेमारी की, लेकिन दोनों अपना मोबाइल फोन छोड़कर फरार हो गए.
मुख्य आरोपी और घोटाले का तरीका
इस मामले में रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी, और अनिल टुटेजा को मुख्य आरोपी माना जा रहा है. ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक, शराब घोटाले से प्राप्त धनराशि में से हर महीने 50 लाख रुपये कवासी लखमा तक पहुंचाए जाते थे.
आरोप है कि इस घोटाले में नकली होलोग्राम का इस्तेमाल कर सरकारी शराब दुकानों से बड़ी मात्रा में शराब की अवैध बिक्री की गई. ईडी ने इस मामले में होलोग्राम बनाने वाली कंपनी को भी आरोपी बनाया है.
राजनीतिक हलचल तेज
शराब घोटाले में ईडी की तेज कार्रवाई ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है. कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं विपक्ष ने भी मामले को लेकर आक्रामक रुख अपनाया है. घोटाले की जांच के दौरान और भी बड़े नाम सामने आने की संभावना है.
घोटाले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं, जिससे प्रदेश की राजनीति और प्रशासन में हलचल मची हुई है. ईडी की आगामी कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.