छत्तीसगढ़

अब कुंभ में नहीं बिछड़ेंगे भाई-भाई

कुंभ के मेले में भाइयों का विछड़ना फिर अरसे वाद मिलना. फिल्मी दुनिया के रुपहले पर्दे से निकलकर लगभग किवदंती का दर्जा पा चुकी यह घटना इस महाकुंभ में तो नहीं ही होगी. लोग महाकुंभ में न भटकें, इसके लिए योगी सरकार ने विशेष व्यवस्था की है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को रिस्ट बैंड प्रदान किए जाएंगे. ये रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक से लैस होंगे. इससे व्यक्ति की लोकेशन की ट्रैकिंग हो सकेगी. वैड पहना व्यक्ति मेला क्षेत्र में भी जाए रेडियो फ्रीक्वेंसी रिसीवर के जरिए उसकी लोकेशन का पता चला जाएगा. बैंड के जरिये यह भी पता चल सकेगा कि व्यक्ति ने कव मेला स्थल में एंट्री की और कव वह वाहर गया. यह रेकॉर्ड क्राउड मैनेजमेंट करने में भी मददगार साबित होगा. मेला क्षेत्र में वहुभाषीय खोया पाया केंद्र भी बनाया जाएगा. आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री सुनील कुमार शर्मा ने वताया कि सभी श्रद्धालुओं की डिजिटल हेड काउंटिंग हो सके, इसके लिए भी व्यवस्था की गई है.

कैसे काम करता है RFID

 किसी खास एरिया में एंट्री से पहले व्यक्ति को RFID बैड कलाई में पहनाया जाता है. इस बैंड में रेडियो टैग होता है, जिसमें यूनिक आईडी होती है. एंट्री के दौरान बैंड को RFID के जरिए स्कैन किया जाता है और डेटा कंप्यूटर में नेटवर्क के जरिए ट्रांसफर किया जाता है. एंट्री के बाद RFID एंटीना के जरिए व्यक्ति की लोकेशन का पता चलता रहता है. रेडियो फ्रीक्वेंसी कितने बड़े एरिया में काम करेगी इसे तकनीकी तौर पर सेट किया जा सकता है.

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