धर्म एवं साहित्यज्योतिष

Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या के दिन इस दिशा में जलाएं दिया, पितृ होंगे प्रसन्न

मौनी अमावस्या उन विशेष तिथियों में से एक है जिसमें पूजा-पाठ, व्रत, दान-पुण्य और आध्यत्मिक उत्थान का बड़ा महत्व रहता है. हिंदू धर्म के ग्रंथों में कहा गया कि इस दिन पितृ धरती पर वास करते हैं, ऐसे में उनके वंशजों को उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए तर्पण, पिंडदान और पूजा जरूर करना चाहिए. साथ ही मौनी अमावस्या की शाम को पितरों के नाम का दीपक भी जरूर जलाना चाहिए.

पितरों के लिए करें ये उपाय

मौनी अमावस्या के दिन पितरों के नाम से तर्पण करना शुभ माना गया है. इससे पितरों को आत्मिक शांति मिलती है. माना गया है कि जिन पूर्वजों के नाम भी आपको नहीं पता होते उन्हें भी इस दिन तर्पण करने से शांति मिलती है. तर्पण आप स्वंय भी कर सकते हैं या फिर किसी पंडित की मदद भी ले सकते हैं. इस दिन दान का भी बड़ा महत्व रहता है. कहा जाता है कि इस दिन वस्त्र दान या भोजन दान से आपके पूर्वजों को यमलोक में इसका सीधा लाभ मिलता है और पितृ आपको आशीर्वाद देते हैं. इसके अलावा, तिल दान भी करना चाहिए.

किस दिशा में जलाएं दीपक?

इस दिन शाम को दीपक भी जलाना चाहिए. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. जातक को शाम के समय में घर के दरवाजे के कोने पर दीप जलाना चाहिए, साथ ही याद रहे कि यह दीपक घर के दक्षिण दिशा में जलाया जाए क्योंकि यह दिशा यम को समर्पित होती है. साथ ही इस दिन पीपल के पेड़ पर जल जरूर चढ़ाना चाहिए. कहा गया है कि पीपल के पेड़ में सभी देवताओं का वास होता है, इससे भी पितृ प्रसन्न होते हैं.

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