क्रिप्टोकरंसी की सबसे बड़ी चोरी, 13 हजार करोड़ रुपये उड़ाए

दुबई स्थित क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज बायबिट एक बड़ी डिजिटल चोरी का शिकार हुआ है. इसमें साइबर जालसाजों ने लगभग 1.5 अरब डॉलर (13 हजार करोड़ रुपये)मूल्य की इथीरियम चुरा ली. इसे इतिहास की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरंसी चोरी बताया जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना एक नियमित ट्रांसफर के दौरान हुई, जब फंड को ‘कोल्ड वॉलेट’ से दैनिक लेनदेन के लिए उपयोग होने वाले ‘वॉर्म वॉलेट’ में ट्रांसफर किया जा रहा था. हैकर ने इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर लगभग 4.01 लाख इथीरियम एक अज्ञात वॉलेट पर ट्रांसफर कर ली. इथीरियम बिटकॉइन के बाद सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरंसी है.
इथीरियम की कीमत घटी इस घटना के बाद इथीरियम की कीमत में 4 की गिरावट दर्ज की गई है.
भारत में यह स्थिति
भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. हाल ही में भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज क्वाइनस्विच ने इस संबंध में एक रिपोर्ट जारी की थी. इसके अनुसार, देश में दो करोड़ से अधिक लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं.
क्रिप्टोकरंसी की बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ, इससे संबंधित चोरी और हैकिंग की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं…
2022
साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन गेम एक्सी इनफिनिटी से जुड़े रोनिन नेटवर्क एक्सचेंज को हैक कर 62 करोड़ डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरंसी पर हाथ साफ किया.
2018
जापानी क्रिप्टो एक्सचेंज कोइनचेक से लगभग 53 करोड़ डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी चुराई.
2014
टोक्यो स्थित एमटी.गॉक्स एक्सचेंज को हैक कर 47 करोड़ डॉलर की बिटकॉइन चुराई, जिससे यह एक्सचेंज दिवालिया हो गया.
धनराशि सुरक्षित सीईओ
बायबिट के सीईओ बेन झोउ ने ग्राहकों को आश्वस्त किया, आपकी धनराशि सुरक्षित है. कंपनी के पास अब भी 20 अरब डॉलर मौजूद है, जिससे इस नुकसान की भरपाई की जा सकेगी.
इनाम की घोषणा
बायबिट ने चुराए गए फंड की वसूली के लिए ब्लॉकचेन फोरेंसिक विशेषज्ञों से सहयोग मांगा है. साथ ही इस काम में मदद करने वाले हैकर को कुल राशि का 10 इनाम देने की भी घोषणा की है.
क्या है क्रिप्टोकरंसी
क्रिप्टो एक वर्चुअल करेंसी है, जिसे ऑनलाइन लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह किसी सरकार या बैंक द्वारा नियंत्रित नहीं होती, बल्कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करती है, जिससे इसे हैक करना कठिन है.