लोक अदालत 8 मार्च को, ई-ट्रैफिक चालान, Tax, बीमा जैसे मामलों के लिए करें ऑनलाइन आवेदन

सभी राजीनामा योग्य मामलों का होगा निपटारा, पिछली बार 2 हजार से ज्यादा ट्रैफिक चालान संबंधी प्रकरणों का हुआ था निराकरण साल की पहली लोक अदालत 8 मार्च को आयोजित की जाएगी. रायपुर में भी जिला कोर्ट परिसर में लोक अदालत का आयोजन होगा. इस बार 2 लाख से ज्यादा राजीनामा योग्य लंबित मामलों का निपटारा करने का लक्ष्य है.
इसमें भाड़ा नियंत्रण, चेक बाउंस, आबकारी विधि, सिविल विधि, परिवार न्यायालय में चल रहे प्रकरणों को भी राजीनामे के लिए रखा जाएगा. साथ ही ज्यादा बिजली बिल, जल टैक्स, भूमिकर, श्रम विधि, निगम, पुलिस, बैंक, बीमा, विद्युत आदि के केस भी इसमें राजीनामे के लिए रखे जाएंगे. खासतौर पर ट्रैफिक चालान केस भी इसमें शामिल किए जाएंगे. बता दें कि हर बार बड़ी संख्या में ट्रैफिक चालान से संबंधित प्रकरण लोक अदालत में पहुंचते हैं.
यहां आप या तो चालान माफ करा सकते हैं, या कम करा सकते हैं. साथ ही समझौता भी हो सकता है. लेकिन कई बार लोगों को पता नहीं होता कि वह कैसे अपने ट्रैफिक चालान को लोक अदालत में खत्म करें. इसके लिए कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन माध्यम में आवेदन कर सकता है. साथ ही वकील के माध्यम से भी वे लोक अदालत में समझौते के लिए आवेदन कर सकते हैं.
ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के लिए ऐसे करें आवेदन
1. नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी की वेबसाइट www.cgslsa.gov.in पर जाएं.
2. ऑनलाइन अप्लीकेशन की लिंक को क्लिक करें.
3. लीगल एड एप्लीकेशन फॉर्म भरें.
4. फॉर्म में जो भी व्यक्तिगत जानकारी मांगी गई है उसे भरकर सबमिट करें.
5. मोबाइल में एक कन्फर्मेशन ईमेल और टोकन नंबर मिलेगा.
6. इस टोकन नंबर से लोक अदालत के लिए अपॉइंटमेंट शेड्यूल कर सकते हैं.
7. ट्रैफिक चालान कटा है, तो उस नंबर की मदद से भी लोक अदालत के लिए अपॉइंटमेंट शेड्यूल कर सकते हैं.
8. इसके अलावा सेवा प्राधिकरण के अधिकारी या अर्ध-कानूनी स्वयंसेवक का सहयोग ले सकते हैं.
तीन महीने पहले 22 लाख से ज्यादा केसों का निपटारा हुआ
तीन माह पहले हुए नेशनल लोक अदालत में प्रदेशभर के विभिन्न न्यायालयों में कुल 22.59 लाख से ज्यादा मामले निराकृत किए गए. वहीं 842 करोड़ का अवार्ड भी पारित किया गया. इससे पहले हुई तीन लोक अदालतों में कुल 23.74 लाख से ज्यादा मामले निपटाए गए थे. जबकि रायपुर में 4 लाख से ज्यादा मामलों का निराकरण हुआ. इनमें ट्रैफिक के 2 हजार से ज्यादा मामले थे.