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Sambhal CO Anuj Chaudhary: क्या दंगल का ‘हीरो’, खाकी में ‘विलेन’ बन गया? संभल के सीओ अनुज चौधरी पर क्यों उठे सवाल

Sambhal CO Anuj Chaudhary:  उत्तर प्रदेश के संभल जिले के सर्किल ऑफिसर (CO) और पूर्व चैंपियन पहलवान अनुज चौधरी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. अनुज चौधरी की पहचान मजबूत कद काठी के साथ-साथ एक बेधड़क अंदाज वाले पुलिस अफसर के तौर पर है. इस बार संभल में होली का त्योहार शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाने को लेकर कोतवाली में पीस कमेटी की एक बैठक हुई. सीओ अनुज चौधरी ने बैठक में मुस्लिम समुदाय से अपील की कि होली के दिन वे घरों से न निकलें. उन्होंने कहा कि सिर्फ वही लोग बाहर निकलें जिन्हें रंग से कोई आपत्ति न हो. सीओ चौधरी ने कहा कि होली साल में एक बार आती है, जबकि साल में 52 जुमे होते हैं. मीटिंग में यह सहमति बनी कि होली का रंग खेलने के बाद जुमे की नमाज अदा की जाएगी. संभल में जामा मस्जिद विवाद को लेकर 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद प्रशासन होली के त्योहार को लेकर अलर्ट है. संयोग से होली वाले दिन शुक्रवार है और इस दिन मुस्लिम समुदाय मस्जिद में नमाज अदा करता है. वैसे ही ये रमजान का महीना है.

संभल हिंसा में पैर में लगी थी गोली

ये पहला मौका नहीं है जब पूर्व पहलवान और डिप्टी एसी अनुज चौधरी चर्चा में आए हैं. संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान जब हिंसा भड़क गई थी तो वो दंगाइयों की गोली से घायल भी हुए थे. उनके पैर में पैर गोली लगी थी. इसके बाद सीओ अनुज चौधरी का एक बयान काफी वायरल हुआ था, जिसमें वह कह रहे हैं कि पुलिस को भी आत्मरक्षा का अधिकार है और पुलिसकर्मी मरने के लिए पुलिसबल में भर्ती नहीं हुए हैं. हमने किसी जाहिल की गोली से मरने के लिए वर्दी नहीं पहनी है. हिंसा के दौरान चार युवकों की गोली लगने से मौत हो गई थी. हालांकि पुलिस का कहना है कि उसने गोली नहीं चलाई. ये युवक दंगाइयों की गोली लगने से मरे हैं.

आजम खान से हो गई थी बहस

अनुज चौधरी जब रामपुर में तैनात थे, उस समय उनकी सपा नेता आजम खान से भी कहा-सुनी हो गई थी.अनुज चौधरी और आजम खान के बीच हुई इस बहस का वीडियो भी जबरदस्त वायरल हुआ था.  उस दौरान भी अनुज चौधरी चर्चाओं में रहे थे. दरअसल आजम खान सपा प्रतिनिधि मंडल के साथ मुरादाबाद के कमिश्नर से मिलने जा रहे थे. उस समय सीओ सिटी अनुज चौधरी ने साफ कहा था कि सिर्फ 27 लोग ही अंदर जाएंगे. ये सुनते ही आजम खान ने अनुज चौधरी से कहा था कि समाजवादियों ने ही पहलवानों को सम्मान दिलाने की शुरुआत की थी. सीएम अखिलेश यादव का एहसान याद है. ये सुनते ही अनुज चौधरी ने कहा था कि एहसान कैसा? अर्जुन अवार्ड मिला है. किसी के एहसान से अर्जुन अवार्ड नहीं मिलता.

ये विवाद भी जुड़े हैं उनके साथ

अनुज चौधरी उस वक्त भी सुर्खियों में रहे थे, जब राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान वो संभल में एक शख्स को हिदायत दे रहे थे और कह रहे थे कि लोग खुशियां मनाएंगे अगर किसी को पसंद नहीं है तो वो किनारे हो जाए. लेकिन अगर किसी ने व्यवधान डाला और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की तो उससे उसी अंदाज में निपटा जाएगा. इसके अलावा उनका ऑन डयूटी एक धार्मिक कार्यक्रम में भजन गाते हुए एक वीडियो भी वायरल हुआ था. तब भी उनके वर्दी में ऐसा करने पर काफी सवाल उठे थे. इसी तरह एक बार वह एक शोभा यात्रा में खाकी वर्दी पहने हुए हनुमान जी की गदा लेकर चले थे. 

कुश्ती में बढ़ाया देश का मान

मुजफ्फरनगर के बहेड़ी गांव से ताल्लुक रखने वाले अनुज चौधरी अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में देश का मान बढ़ा चुके हैं. अनुज चौधरी साल 1997 से 2014 तक कुश्ती में नेशनल चैंपियन रहे. उन्होंने नेशनल गेम्स में दो बार सिल्वर मेडल जीते हैं, पहली बार 2002 और दूसरी बार 2010 में. अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने की बात की जाए तो उनके खाते में एशियाई चैंपियनशिप के दो कांस्य पदक हैं. ये उपलब्धि उन्होंने 2005 में वुहान में और उसके चार साल बाद पट्टाया में हासिल की थी. 2010 के नई दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में अनुज चौधरी ने देश को रजत पदक दिलाया था. अनुज चौधरी ने 2004 एथेंस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. 2008 बीजिंग ओलंपिक के लिए वह क्वालीफाई करने में असफल रहे थे. इसके अलावा वह शेर-ए- हिंद, भारत कुमार, उत्तर प्रदेश केसरी और वीर अभिमन्यु खिताब भी जीते हैं.  

अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया

अनुज चौधरी को साल 2001 में लक्ष्मण अवार्ड से सम्मानित किया गया. साल 2005 में अनुज चौधरी को अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया. इसके बाद अनुज चौधरी स्पोर्ट्स कोटे से उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए और साल 2012 में वह डिप्टी एसपी बनाए गए. अनुज चौधरी इस समय संभल में सीओ के पद पर कार्यरत हैं.

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