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साय सरकार का बड़ा फैसला; अब सरेंडर करने वाले नक्सलियों को मिलेंगी ये खास सुविधाएं

छत्तीसगढ़ सरकार ने बुधवार को छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी प्रदान की, जिसके तहत सरेंडर करने वाले माओवादियों को वित्तीय सहायता, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी. 

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार (12 मार्च) को यहां मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई. उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने राज्य में नक्सल समस्या के समाधान के लिए ठोस पहल करते हुए छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023 के स्थान पर छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी प्रदान की है.

‘नक्सलवाद खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम’

इस नीति के तहत सरेंडर करने वाले माओवादियों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी. अधिकारियों ने बताया कि इस नीति के तहत सरेंडर करने वाले माओवादियों को कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी. इनमें आर्थिक मदद, पुनर्वास की व्यवस्था, शिक्षा और रोजगार के अवसर शामिल हैं. साथ ही, उनकी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. सरकार का मानना है कि यह कदम नक्सलवाद को कम करने में कारगर साबित होगा. मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नक्सल समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह नीति उस दिशा में एक बड़ा कदम है.

दी जाएगी ट्रेनिंग

अधिकारियों ने बताया कि बैठक में यह भी तय किया गया कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों को समाज में दोबारा बसाने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी. उन्हें ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, जिससे वे हिंसा का रास्ता छोड़कर सम्मानजनक जीवन जी सकें. इसके अलावा, नक्सल हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए भी राहत और पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी.

‘नई उम्मीद लेकर आई ये नीति’

उन्होंने बताया कि यह नीति छत्तीसगढ़ में लंबे समय से चली आ रही नक्सल समस्या के समाधान के लिए एक नयी उम्मीद लेकर आई है. सरकार का दावा है कि इससे न केवल नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि राज्य में शांति और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.

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