Chaitra navratri 2025: इस नवरात्रि कलश स्थापना के लिए 4 घंटे, जानें सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त

चैत्र नवरात्र 30 मार्च रविवार को प्रवर्धमान योग में कलश स्थापना के साथ प्रारंभ होगा. यह काफी महत्वपूर्ण व पुनीत योग है. इस दिन भगवान ब्रह्मा ने पूरी सृष्टि की रचना की थी. पंडित प्रणव मिश्रा ने बताया कि 29 मार्च की शाम 4.33 बजे प्रतिपदा तिथि शुरू होगी, जो 30 मार्च की दोपहर 2.14 बजे तक रहेगी. उदयातिथि होने के कारण 30 मार्च को ही कलश स्थापना की जाएगी. कलश स्थापना के लिए 4 घंटे का मुहूर्त होगा. लेकिन 30 मार्च को चैत्र नवरात्र घट स्थापना के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 6.24 से 7.07 बजे तक रहेगा, जबकि अभिजित मुहूर्त सुबह 7 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12.31 बजे तक रहेगा. इस बार आठ दिन की नवरात्रि होगी. 8 दिनों तक शक्ति की देवी मां दुर्गा की आराधना अलग-अलग रूपों में की जाएगी. ज्योतिषविदों के मुताबिक, तृतीया तिथि का क्षय होने के कारण नवरात्र नौ के बजाय आठ दिन पड़ रहा है. पांच अप्रैल को अष्टमी व छह अप्रैल को रामनवमी होगी. कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया जाएगा. वहीं, सात अप्रैल को विसर्जन जुलूस निकाला जाएगा.
पं. श्री सत्येन्द्र शांडिल्य ने बताया कि मां का आगमन हाथी पर होने से इस साल अच्छी बारिश, बेहतर पैदावार और कृषि में उन्नति होगी. मां दुर्गा का आगमन प्रस्थान भी हाथी पर होगा, जो सुख-समृद्धि का प्रतीक है. रेवती नक्षत्र, पेंद्र और प्रवर्धमान योग में कलश स्थापना होगी. मीन राशि में पंचग्रही योग का संयोग भी बनेगा, जो सुख -समृद्धि का कारक है. आचार्य पं. श्री सत्येन्द्र शांडिल्य के अनुसार, नवरात्रि का आरंभ सोमवार या रविवार को हो तो मां का वाहन हाथी होता है. गुरुवार या शुक्रवार को मां डोली पर आती हैं, जबकि शनिवार या मंगलवार को उनका वाहन घोड़ा होता है. मां दुगकि नवरात्रके दौरान घोड़े पर सवार होकर आना शुभ नहीं माना जाता है. यह वाहन इस बात का संकेत देता है कि आने वाले समय में सत्ता में कुछ बदलाव होगा. युद्ध का सामना भी करना पड़ सकता है.