
छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है, बशर्ते वे बस्तर में अपनी गतिविधियां बंद कर दें. यह बात उन्होंने माओवादियों द्वारा एक पत्र जारी करने के बाद कही जिसमें उन्होंने कहा है कि वे “युद्धविराम” के लिए तैयार हैं. हिंदी में लिखे एक पत्र में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) ने कथित तौर पर कहा कि ऑपरेशन ‘कागर’ – केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा शुरू किए गए संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान– में सैकड़ों माओवादी मारे गए हैं और कई नागरिकों को “यातना” दी गई और “अवैध रूप से हिरासत में” रखा गया.
माओवादियों का पत्र उग्रवाद विरोधी अभियानों के तेज होने के आया है. हाल ही में, इस हफ्ते की शुरुआत में बस्तर में दो अलग-अलग एनकाउंटर में 18 माओवादियों को मार गिराया गया. पत्र में लिखा है, “हम लोगों के हित में शांति वार्ता के लिए हमेशा तैयार हैं. इसलिए, हम केंद्र और राज्य सरकारों से शांति वार्ता के लिए सकारात्मक माहौल बनाने के लिए कह रहे हैं. अगर केंद्र और राज्य सरकारें इन प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देती हैं, तो हम तुरंत युद्ध विराम की घोषणा करेंगे.”
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शर्मा ने मीडिया से कहा कि पत्र की प्रामाणिकता की पुष्टि अभी होनी बाकी है. उन्होंने कहा, “वे युद्ध विराम की बात कर रहे हैं. मुझे समझ नहीं आ रहा कि इस तरह की शब्दावली के साथ बातचीत कैसे होगी. मैं फिर से कहना चाहता हूं कि न तो केंद्र और न ही राज्य सरकार एक भी गोली चलाना चाहती है. यही वजह है कि पुनर्वास नीति फिर से लाई गई है. बहुत से (नक्सली) लोगों ने आत्मसमर्पण किया है और उनके जीवन को स्थिर बनाने के प्रयास के साथ उनका पुनर्वास किया जा रहा है.”
मंत्री ने आगे कहा, “वे (माओवादी) कहते हैं कि अगर राज्य पुलिस कैंप बनाना बंद कर दे, तो हम युद्ध रोक देंगे. यह युद्ध जैसी स्थिति क्या है जिसे आप रोकना चाहते हैं? कोई युद्ध की स्थिति नहीं है… अगर आप (माओवादी) वाकई चर्चा चाहते हैं, तो हम तैयार हैं… आप किसी व्यक्ति या समिति को भेज सकते हैं या बातचीत के लिए अपनी पसंद का कोई भी चैनल चुन सकते हैं. अगर इसका कोई समाधान निकलता है, तो माननीय अमित शाह जी और विष्णु देव साईं जी बहुत खुश होंगे.”