
मुकेश अंबानी के बेटे और बिजनेसमैन अनंत अंबानी एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार अनंत अंबानी अपनी पैदल यात्रा को लेकर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं. उनके कई वीडियो इस दौरान जमकर वायरल भी हुए, जिसमें वो कभी जयकारा लगाते हुए दिख रहे हैं तो कभी मुर्गियों को बचाते हुए उनका वीडियो सामने आ रहा है. दरअसल अनंत अंबानी जामनगर से कृष्ण की नगरी द्वारका तक पैदल यात्रा कर रहे हैं. आज हम आपको इसी मंदिर का इतिहास बताने जा रहे हैं, जहां अनंत अंबानी पहुंचेंगे और अपने जन्मदिन से पहले आशीर्वाद लेंगे.
रोजाना कई किमी की पैदल यात्रा
आने वाली 10 अप्रैल को अनंत अंबानी का बर्थडे आ रहा है, इससे पहले वो द्वारका के दर्शन करना चाहते हैं. सबसे खास बात ये है कि अनंत अंबानी ने 140 किमी की पैदल यात्रा करने का फैसला किया. जिसकी वजह से हर तरफ उनकी चर्चा हो रही है. उनके साथ उनके तमाम बॉडीगार्ड भी रोजाना कई किमी तक चलते हैं. हालांकि ये पहली बार नहीं है कि अनंत अंबानी को भगवान के प्रति इतना समर्पित देखा गया हो, इससे पहले भी वो काफी बार भक्ति में डूबे नजर आए हैं.
क्या है मंदिर का इतिहास?
गुजरात में प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर स्थित है, जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. दरअसल इस मंदिर से भगवान श्रीकृष्ण का खास रिश्ता है. यही वजह है कि कृष्ण भक्त यहां अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए आते हैं. बताया जाता है कि ये द्वारकाधीश मंदिर करीब 2500 से ज्यादा साल पुराना है. इस मंदिर को आदि शंकराचार्य ने यहां स्थापित किया था.
इसका इतिहास सीधे द्वापर युग से जुड़ा है, यानी जब भगवान कृष्ण धरती पर अवतरित हुए थे. भगवान कृष्ण के ही परिवार के लोगों ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था, इसीलिए इसे राजा कृष्ण का घर भी कहा जाता है. इस मंदिर को खास तकनीक से बनाया गया है, जो करीब 72 स्तंभों पर टिका हुआ है. मंदिर में ध्वज पूजा का भी काफी ज्यादा महत्व है. इसे हिंदू धर्म के पवित्र चार धामों में से एक माना जाता है. मान्यता के मुताबिक श्रीकृष्ण उत्तराखंड के सरोवर में स्नान करने के बाद द्वारका में आकर अपने कपड़े बदलते हैं, इसके बाद ओडिशा के जगन्नाथ पुरी में भोजन करके रामेश्वरम धाम में विश्राम करने जाते हैं.