वामपंथी उग्रवाद पर अमित शाह के तेवर पहले से भी ज्यादा सख्त, कहा- छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में नक्सलवाद 31 मार्च 2026 से पहले…

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार (5 अप्रैल) को कहा कि एक राज्य से दूसरे राज्य में भाग रहे नक्सलियों को पकड़ने के लिए राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों में समन्वय और बेहतर होना चाहिए. इससे पहले उन्होंने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति पर विभागीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘डबल इंजन’ की सरकार नक्सलवाद के समूल नाश में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है. उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में नक्सलवाद 31 मार्च 2026 से पहले ही एक इतिहास बन जाएगा.”
नक्सलियों का समूल नाश जरूरी- अमित शाह
अमित शाह ने कहा, ”नक्सलवाद के कारण कई पीढ़ियां बर्बाद हो गई हैं. नक्सलवाद फिर से जड़ न जमा पाए इसलिए इसका समूल नाश आवश्यक है.”
उन्होंने कहा,”नक्सलियों के खिलाफ जारी लड़ाई को बिखरने नहीं देना है. एक राज्य से दूसरे राज्य में भाग रहे नक्सलियों को पकड़ने के लिए राज्य पुलिस और केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों में समन्वय और बेहतर होना चाहिए.” केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विकास और सुरक्षा दोनों ही मोर्चों पर प्रगति संतोषजनक हुई है.
‘सभी को मिले विकास का समान अवसर’
गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रशासन से नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकारी योजनाएं जन-जन तक पहुंचाने के लिए बनाई गई ‘नियद नेल्लानार’ (आपका अच्छा गांव) योजना को सुरक्षा बलों के शिविरों के 5 किलोमीटर के दायरे से बढ़ाकर 10 किलोमीटर करने का निर्देश दिया. शाह ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की जनता को विकास के समान अवसर मिले. उन्होंने कहा कि नक्सल विरोधी अभियान की गति किसी भी सूरत में कम नहीं होनी चाहिए.
अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, आसूचना ब्यूरो (आईबी) के निदेशक, केन्द्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा), केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के महानिदेशक, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
बता दें कि अमित शाह छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार रात रायपुर पहुंचे थे. शनिवार को उन्होंने दंतेवाड़ा शहर में राज्य सरकार द्वारा आयोजित ‘बस्तर पंडुम’ महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित किया. उसके बाद में नक्सल मोर्चे पर तैनात सुरक्षाबलों के जवानों और कमांडरों से बातचीत भी की गृह मंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं हमारे बस्तर का युवा सबसे आधुनिक शिक्षा प्राप्त करे, विश्व के युवाओं के साथ हर मंच पर प्रतिस्पर्धा करे और दुनियाभर की समृद्धि प्राप्त करे लेकिन अपनी संस्कृति, भाषा, परंपराओं को कभी न भूले. उन्होंने कहा कि बस्तर की संस्कृति, बोलियां, वाद्य यंत्र और भोजन सिर्फ छत्तीसगढ़ नहीं बल्कि पूरे भारत की संस्कृति का गहना हैं और हमें इसे संजोकर रखना है. श्री शाह ने कहा कि सात श्रेणियों में मनाए जा रहे बस्तर पंडुम उत्सव को अगले वर्ष 12 श्रेणियों में मनाया जाएगा और देशभर के आदिवासी इसमें शामिल होंगे. गृह मंत्री ने कहा कि भारत की ताकत अनेकता में एकता, अनेक प्रकार की संस्कृतियों, कलाओं, परंपराओं, भाषाओं, बोलियों और व्यंजनों का समागम है. उन्होने कहा कि हम दुनिया के साथ हर स्पर्धा में खड़े रहेंगे लेकिन हमारी संस्कृति और अन्य धरोहर को संरक्षित भी करेंगे और बस्तर पंडुम इसकी शुरूआत है.
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वह जमाना गया जब यहां पर गोलियां चलती थी और बम धमाके होते थे. उन्होंने सभी नक्सलसियों से अपील करते हुए कहा कि वे हथियार डालकर मुख्यधारा में आ जाएं क्योंकि बस्तर विकास चाहता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी बस्तर को सब कुछ देना चाहते हैं, लेकिन यह तभी संभव है जब बस्तर में शांति हो. यहां के बच्चे स्कूल जाएं, माताओं के स्वास्थ्य की चिंता हो, आदिवासी और युवा कुपोषण से पीड़ित न हों, बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था हो, हर गांव में दवाखाना हो और तहसील में अस्पताल हो, तभी विकास संभव है. उन्होंने कहा कि यह सब तभी हो सकता है जब बस्तर के लोग तय करें कि वे हर गांव को नक्सलवाद मुक्त बनाएंगे. श्री शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने घोषणा की है जो गांव सभी नक्सलियों से सरेंडर कराएगा उस गांव को नक्सलवाद मुक्त घोषित कर एक करोड़ रूपए की विकास राशि दी जाएगी. उन्होंने कहा कि कोई किसी को मारना नहीं चाहता, इसीलिए नक्सलियों को हिंसा छोड़कर मेनस्ट्रीम में आना चाहिए और उनका संरक्षण भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार करेगी. गृह मंत्री ने कहा कि नक्सली हथियार लेकर पूरे बस्तर का विकास नहीं रोक सकते.
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वोकल फॉर लोकल का नारा दिया है और हर जिले के एक विशिष्ट उत्पाद को जीआई टैग से जोड़कर देशभर के बाजारों में उसकी मार्केटिंग की व्यवस्था की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है कि इतिहास केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारे आदिवासी जननायकों को पूरे देश में सम्मान और श्रद्धा प्राप्त होनी चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी जी ने बस्तर के नायक वीर गुंडाधूर जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने का काम किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस और 150वीं जयंती वर्ष को जनजातीय गौरव वर्ष मनाने का काम किया है.
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने 75 साल तक गरीबी हटाओ का नारा तो दिया पर गरीबों के विकास के नाम पर कुछ नहीं किया. प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश के करोड़ों गरीबों के लिए पिछले 10 साल में 4 करोड़ से अधिक घर बनाए, 11 करोड़ गैस कनेक्शन दिए, 12 करोड़ शौचालय बनाए, 15 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचाया, 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया और 70 करोड़ लोगों को 5 लाख रूपए तक का मुफ्त इलाज दिया है.
अमित शाह ने कहा जो लोग यह समझ गये हैं कि विकास के लिए हाथ में बंदूक नहीं, कंप्यूटर चाहिए, IED और हथगोला नहीं बल्कि कलम चाहिए, उन सबने सरेंडर कर दिया है. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद को समाप्त करने कि दिशा में इस साल अब तक 521 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है जबकि 2024 में कुल 881 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था. श्री शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि जो नक्सली हथियार छोड़ेंगे वे मुख्यधारा में शामिल होकर आगे बढ़ सकेंगे, लेकिन जो हथियार उठाकर हिंसा के रास्ते पर चलेंगे उनके साथ सुरक्षाबल सख्ती से निपटेंगे. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार, मार्च, 2026 तक पूरे देश को नक्सलवाद से मुक्त कराने के प्रति कटिबद्ध है.
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर अब भय नहीं बल्कि भविष्य का पर्याय बन चुका है. पहले नक्सलियों के आतंक के कारण राजनेताओं को रैली और सभा करने से रोक लिया जाता था, लेकिन वक्त बदल चुका है. आज वे 50,000 आदिवासी भाई बहनों के सामने रामनवमी, अष्टमी और बस्तर पंडुम महोत्सव मना रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां कभी गोलियों की गूंज थी, वहां अब मशीनों की आवाज आती है, जहां गांव वीरान थे, अब वहां स्कूलों की घंटियां बजती हैं, जहां पहले सड़क एक स्वप्न होती थी, वहां राजमार्ग बन रहे हैं और जहां बच्चा स्कूल जाने से डरता था आज वहां का बच्चा कंप्यूटर के माध्यम से पूरे विश्व के साथ संपर्क स्थापित कर रहा है. उन्होंने कहा कि बस्तर का विकास इसीलिए हो रहा है क्योंकि अब नक्सलवाद के साथ कोई नहीं जुड़ता.
अमित शाह ने कहा कि विकास, विश्वास और विजय की लौ के साथ अब बस्तर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि हर गांव की सभा बुलाकर नक्सलियों को सरेंडर करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और विकास के रास्ते को खोलने में मदद की जानी चाहिए. श्री शाह ने कहा कि विकास तब होगा जब सुकमा से कोई सब-इन्सपेक्टर बने, बस्तर से बैरिस्टर, दंतेवाड़ा से डॉक्टर और कांकेर से कलेक्टर बने, ऐसे ही बस्तर का विकास और निर्माण हमें करना है. उन्होंने कहा कि सभी को विकास के सपनों को सच करने के लिए निष्ठापूर्वक और निर्भीक होकर प्रयास करना चाहिए क्योंकि मोदी जी के शासन में किसी को डरने की ज़रूरत नहीं है.