धर्म एवं साहित्यज्योतिष

रामलला के ललाट पर 4 मिनट तक ठहरीं सूर्य की किरणें, रामनवमी पर सूर्याभिषेक का दिखा अद्भुत नजारा

अयोध्या में राम मंदिर में प्रभु श्री रामलला का रामनवमी पर सूर्याभिषेक हुआ. रामलला की सुबह से ही पूजा शुरू हो गई थी. इस दौरान राम नवमी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए पहुंचे. रविवार, 6 अप्रैल को ठीक 12 बजे सूर्याभिषेक हुआ और श्री रामलला के ललाट पर सीधे सूर्य की किरणें पड़ीं. श्रद्धालुओं के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए.

हनुमानगढ़ी के महंत संजय दास ने राम नवमी पर कहा यह अद्भुत और अलौकिक है. अयोध्या नरेश दशरथ भगवान श्री राम सूर्यवंशी थे. जिस समय भगवान राम का जन्म हुआ था, उस समय स्वयं भगवान सूर्य एक महीने तक उनकी लीला देखते रहे थे. इसलिए यह चार मिनट का सूर्य तिलक बहुत महत्वपूर्ण है और सभी सनातन धर्मी इस संजो का बेसब्री से इंतजार रहता हैं.

महंत संजय दास ने कहा कि जिस प्रकार से भगवान उस क्षण का इंतजार कर रहे हैं, वह अपने आप में अटूट है और क्योंकि सभी सनातन धर्मी और हिंदू उस क्षण का इंतजार कर रहे हैं. रुड़की के वैज्ञानिक इसका परीक्षण कर रहे हैं, वे लंबे समय से लगे हुए हैं. पूरी अयोध्या उत्साहित हैं. इसके लिए क्योंकि भगवान राम का जन्म हुआ और हम भगवान राम की नगरी में हैं.

यहां देखा गया लाइव प्रसारण

उन्होंने बताया कि इससे पहले भगवान का पाठ हुआ, सुंदरकांड का पाठ किया गया और फिर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. इस पूरे कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट दूरदर्शन पर किया गया. साथ ही अयोध्या समेत कई शहरों में बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाकर इसका लाइव प्रसारण किया गया है. इस दौरान अयोध्या में करीब 4 लाख श्रद्धालुओं के आज पहुंचने का आकलन है.

रामनवमी को देखते हुए मंदिर में दर्शन के टाइम में भी बदलाव किया गया है. शेड्यूल की बात करें तो रामनवमी के दिन रामलला की सुबह से ही पूजा शुरू हो गई थी. बता दें कि रामलला का तिलक करने की तैयारी में कुछ भी वैज्ञानिक जुटे हुए थे. इसलिए राममंदिर में उपकरण भी लगाए गए थे. बता दें कि बीते साल 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद राम मंदिर में यह दूसरी बार सूर्याभिषेक हुआ है.

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