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चैटजीपीटी को ‘थैंक्यू- प्लीज’ बोलना पड़ रहा महंगा

थैंक यू और प्लीज को जादुई शब्द का खिताब हासिल है, लेकिन ये Chatgpt के लिए महंगे साबित हो रहे हैं. इस बात का खुलासा ओपन एआई के सीईओ सैम आल्टमैन ने किया.

आल्टमैन ने बताया कि एआई मॉडल से बातचीत के दौरान यूजर्स को थैंक्यू या प्लीज जैसे शब्दों का इस्तेमाल भले ही सामान्य सी बात लगती हो लेकिन इन्हें प्रोसेस करने में कंप्यूटेशनल पावर की खपत काफी ज्यादा होती है.

इसमें होने वाले बिजली के खर्च की लागत करोड़ों डॉलर है. उन्होंने कहा, बातचीत करते हुए यूजर्स भूल जाते हैं कि यह एक मशीन है, जिसका भाव से कोई लेना देना नहीं.

बिजली की खपत : कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, चैटबॉट के जरिए भेजे गए 100 शब्द के इमेल के लिए 0.14 किलोवॉट बिजली की खपत होती है जो एक घंटे में जलने वाली 14 एलईडी लाइट के बराबर है. टेक रडार की लेखिका बेका कैडी ने जब चैटजीपीटी से ये विनम्र शब्द बोलना बंद किया तब उन्हें अहसास हुआ कि विनम्रता से पूछे गए सवालों के जवाब अधिक बेहतर होते हैं.

सर्वेक्षण किया गया

हाल के एक सर्वे के अनुसार, 67 फीसदी अमेरिकी एआई मॉडल के साथ काफी विनम्र हैं वहीं 55 फीसदी ने कहा कि इन शब्दों का इस्तेमाल उचित तौर-तरीकों में आता है इसलिए इस्तेमाल करते हैं. शेष 12 फीसदी ने स्वीकारा कि एआई के साथ तालमेल सही रहे इसलिए इस्तेमाल करते हैं.

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