अंतराष्ट्रीयट्रेंडिंगराष्ट्रीय

Pope Francis: पोप फ्रांसिस का निधन, 88 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस, PM मोदी ने निधन पर गहरा जताया दुख

रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी नेता और वैश्विक आध्यात्मिक व्यक्तित्व पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वेटिकन ने सोमवार को एक वीडियो बयान में इसकी पुष्टि की.

पोप फ्रांसिस ने 12 वर्षों तक चर्च का नेतृत्व किया और इस दौरान कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना किया. वेटिकन के टेलीग्राम चैनल पर जारी बयान में कार्डिनल केविन फैरेल ने कहा, “आज सुबह 7:35 बजे रोम के बिशप, फ्रांसिस, प्रभु के घर लौट गए.” उन्होंने कासा सांता मार्ता में एक भावुक संदेश में कहा, “पोप फ्रांसिस का पूरा जीवन प्रभु और उनकी चर्च की सेवा में समर्पित रहा. उन्होंने हमें साहस, करुणा और सबसे गरीब व हाशिए पर रहने वालों के प्रति प्रेम की सीख दी.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा दुख जताया है और कहा है कि भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा याद रखा जाएगा. उन्होंने ट्वीट किया, “पोप फ्रांसिस के निधन से बहुत दुखी हूं. दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं. पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे. छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था. उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की. जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई. मैं उनके साथ अपनी मुलाकातों को याद करता हूं और समावेशी और सर्वांगीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रेरित हुआ हूं. भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा याद रखा जाएगा. उनकी आत्मा को ईश्वर की गोद में शांति मिले.”

खास बात है कि ईस्टर संडे पर ही पोप फ्रांसिस ने लोगों को संबोधित किया था. उस दौरान उन्होंने विचारों की आजादी और सहिष्णुता पर बात की थी. पोप फ्रांसिस ने लोगों को ईस्टर की शुभकामनाएं देते हुए कहा था, ‘भाइयो और बहनों, ईस्टर की शुभकामनाएं!’ उनकी आवाज पहले की तुलना में अधिक प्रभावशाली प्रतीत हो रही थी.

पोप फ्रांसिस ने पियाजा में ईस्टर की प्रार्थना में हिस्सा नहीं लिया बल्कि इसे सेंट पीटर्स बेसिलिका के सेवानिवृत्त कार्डिनल एंजेलो कोमास्ट्री को सौंप दिया. लेकिन प्रार्थना समाप्त होने के बाद, फ्रांसिस बेसिलिका के प्रवेश द्वार के ऊपर स्थित लॉजिया बालकनी पर दिखाई दिए.

नीचे मौजूद हजारों लोगों ने खुशी का इजहार किया, जब सैन्य बैंड ने होली सी और इतालवी राष्ट्रगान की धुन बजाई. फ्रांसिस ने बालकनी से हाथ हिलाया और फिर एक सहयोगी से अपना भाषण पढ़ने को कहा.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button