बिलासपुर GGU नमाज विवाद: NSS कोऑर्डिनेटर दिलीप झा समेत 8 के खिलाफ FIR, हिंदू छात्रों से जबरन नमाज पढ़वाने का आरोप

बिलासपुर, छत्तीसगढ़: गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी (GGU) में NSS कैंप के दौरान हिंदू छात्रों से कथित तौर पर जबरन नमाज पढ़वाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। बिलासपुर पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए NSS कोऑर्डिनेटर प्रो. दिलीप झा समेत 8 अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और गूगल सर्च में ट्रेंड करने की संभावना रखता है।

क्या है पूरा मामला?
26 मार्च से 1 अप्रैल तक बिलासपुर के कोटा क्षेत्र के शिवतराई गांव में GGU द्वारा आयोजित सात दिवसीय NSS कैंप में 159 छात्रों ने हिस्सा लिया था, जिनमें से केवल 4 मुस्लिम छात्र थे। आरोप है कि 31 मार्च को ईद के दिन सुबह कैंप में शामिल हिंदू छात्रों को जबरन नमाज पढ़ने के लिए मजबूर किया गया। छात्रों का दावा है कि कैंप के प्रभारी और कोऑर्डिनेटरों ने उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई और विरोध करने पर NSS सर्टिफिकेट न देने की धमकी दी।
पुलिस और विश्वविद्यालय की कार्रवाई
छात्रों की शिकायत के बाद कोनी थाने में मामला दर्ज किया गया। बिलासपुर SSP रजनेश सिंह ने जांच रिपोर्ट का अवलोकन कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद प्रो. दिलीप झा, डॉ. मधुलिका सिंह, डॉ. ज्योति वर्मा, डॉ. नीरज कुमारी, डॉ. प्रशांत वैष्णव, डॉ. सूर्यभान सिंह, डॉ. बसंत कुमार और कोर लीडर छात्र आयुष्मान चौधरी के खिलाफ BNSS की धारा 196(ख), 197(1)(ख)(ग), 299, 302, 190 और छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम की धारा 4 के तहत FIR दर्ज की गई।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया और चार सदस्यीय जांच समिति गठित की। इसके अलावा, प्रो. दिलीप झा को NSS कोऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया गया है, और 12 अन्य प्रोग्राम ऑफिसरों को भी उनके पदों से हटाया गया है।
हिंदू संगठनों का आक्रोश
इस घटना के बाद ABVP और अन्य हिंदू संगठनों ने विश्वविद्यालय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। संगठनों ने विश्वविद्यालय परिसर में हनुमान चालीसा का पाठ कर विरोध जाहिर किया और कुलपति को हटाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने “GGU नहीं बनेगा JNU” जैसे नारे लगाकर विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाया।