
सरकार नई टोल नीति लाने जा रही है, जिसमें दूरी के आधार पर टोल देना होगा अगर समय पर टोल नहीं भरा तो सिबिल स्कोर भी खराब होगा और भारी जुर्माना भी भरना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में भविष्य में होम लोन व अन्य तरह का ऋण लेने में भी दिक्कत आएगी.
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय दूरी के आधार पर टोल वसूली की व्यवस्था को लाने की दिशा में काम कर रहा है. ऐसे में जीपीएस मैपिंग के आधार पर टोल का निर्धारण किया जाएगा.
यह उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा, जो कम दूरी की यात्रा करते हैं लेकिन बीच में टोल पड़ने के कारण उन्हें अभी तक 150-200 रुपये का टोल भरना पड़ता है. नई व्यवस्था में उन्हें दो से पौने तीन रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल देना होगा यानी 40 किलोमीटर के सफर में उन्हें 150-200 की जगह 110 से 120 रुपये का टोल देना होगा.
कड़े प्रावधानों के साथ मिलेगा निश्चित समय
सूत्रों का कहना है कि सरकार कड़े प्रावधानों के साथ वाहन चालकों को शुल्क भरने के लिए एक निश्चित समय देने के पक्ष में है, जिससे भूलवश फास्टैग रिचार्ज न करा पाने वाले ग्राहकों को कोई नुकसान न हो. ऐसे में दो प्रमुख प्रावधान किए जा रहे हैं.
इन प्रावधानों पर भी विचार
● न्यूनतम बैलेंस न होने पर ग्राहक को बैंक के जरिए ई-मेल व मैसेज भेजा जाएगा.
● अगर न्यूनतम बैलेंस न होने पर भी कोई व्यक्ति यात्रा करता है तो उसका फास्टैग ब्लैक लिस्ट होगा.
● फास्टैग ब्लैक लिस्ट होने के बाद अगली यात्रा करने से पहले रिचार्ज करना होगा.
● अगर अगली यात्रा बिना रिचार्ज के की जाती है तो उस पर दोगुना जुर्माना लगाने पर विचार.
● उसके बाद भी यात्रा की जाती है तो फिर पांच गुना तक जुर्माना और फास्टैग ब्लैक लिस्ट करने पर विचार.
● उसके बाद भी रिचार्ज न होने पर सिबिल स्कोर में गिरावट, फास्टैग को पूरी तरह ब्लैक लिस्ट होगा.
● ब्लैक लिस्ट फास्टैग का इंश्योरेंस और प्रदूषण प्रणाण पत्र नहीं बनेगा
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अगर फास्टैग ब्लैक लिस्ट होने के बाद भी निर्धारित समय-सीमा के अंदर कोई रिचार्ज नहीं करता है तो उस स्थिति में तीन से पांच गुना तक जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही, जिस व्यक्ति के नाम पर फास्टैग एवं वाहन दर्ज है, उसके सिबिल स्कोर में रिकॉर्ड को दर्ज किया जाएगा
फास्टैग वॉलेट में एक सीमा तक न्यूनतम बैलेंस रखना होगा. न्यूनतम बैलेंस कम हो जाता है और निर्धारित टोल दर से भी नीचे चला जाता है तो उस स्थिति में एक समय अवधि प्रदान की जाएगी. लेकिन फास्टैग को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा, जो रिचार्ज करने के बाद ही उस श्रेणी से बाहर आएगा.
प्रावधानों पर चल रही गहन चर्चा
टोल की नई व्यवस्था पर गहनता से चर्चा चल रही है. फास्टैग के ब्लैकलिस्ट होने संबंधी रिकॉर्ड को व्यक्ति के सिबिल स्कोर से जोड़ने के लिए एनपीसीआई और आरबीआई के साथ चर्चा चल रही है. सूत्रों का कहना है कि सिबिल स्कोर से जोड़ने को लेकर लगभग सहमति है क्योंकि फास्टैग का सारा रिकॉर्ड भारतीय भुगतान निगम लिमिटेड और बैंकों के पास उपलब्ध है. लिखित सहमति बनने के बाद उसे आसानी से व्यक्ति के सिबिल स्कोर के साथ अपडेट किया जा सकेगा.
अब टोल बैरियर हटाए जाने की स्थिति में चुनौती होगी कि सभी वाहनों से टोल वसूली कैसे की जाए क्योंकि टोल बैरियर न होने पर कोई रुकावट नहीं होगी.