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पहाड़ी कोरवा के सुसाइड मामले में तहसीलदार सस्पेंड

बलरामपुर जिले के राजपुर विकासखंड के ग्राम भेस्की में पहाड़ी कोरवा की जमीन को फर्जी तरीके से बेचने और उनकी आत्महत्या के मामले में सरगुजा संभागायुक्त ने तत्कालीन तहसीलदार व प्रभारी उप पंजीयक यशवंत कुमार को निलंबित कर दिया है. अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) राजपुर की जांच के अनुसार, यशवंत कुमार ने बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के पहाड़ी कोरवा समुदाय के जुबारो की जमीन को शिवाराम के नाम पर रजिस्ट्री कर दी. सह-खातेदारों की सहमति के बिना भी जमीन का पंजीयन किया गया, जो नियमों का उल्लंघन है.

पहाड़ी कोरवा, पण्डो, मझवार और मांझी जनजातियों की जमीन बिना कलेक्टर की अनुमति के बेची नहीं जा सकती. यशवंत कुमार ने इस आदेश की अवहेलना कर धोखाधड़ी और संगठित अपराध किया, जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के खिलाफ है. इसके चलते संभागायुक्त नरेंद्र कुमार दुग्गा ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण व अपील) नियम 1966 के तहत उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया. उनका मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय, सूरजपुर निर्धारित किया गया है, और निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा.

जमीन की फर्जी बिक्री से आहत होकर जुबारो ने आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में तहसीलदार, पटवारी और अन्य लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है. हालांकि, तहसीलदार की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है.

जांच में पाया गया कि यशवंत कुमार ने संपत्ति अंतरण अधिनियम का पालन नहीं किया और सह-हिस्सेदारों की अनदेखी कर रजिस्ट्री की. यह गंभीर अनियमितता और जनजातीय समुदाय के अधिकारों का हनन है.

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