
देशभर के अस्थायी कर्मचारियों यानी गिग वर्कर्स के लिए एक राहतभरी खबर है. इन कर्मियों को जल्द ही पेंशन और आयुष्मान योजना का लाभ मिलने जा रहा है.
सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में जून अंत तक 10 लाख गिग वर्कर को आयुष्मान योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. इसके तहत पांच लाख की सीमा के स्वास्थ्य कवरेज के लिए पात्र होंगे. यह वह अस्थायी कर्मचारी होंगे, जिन्होंने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करा लिया है और उसके बाद आधार सत्यापन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है. ई-श्रम कार्ड के आधार पर ही कर्मचारियों को आयुष्मान कार्ड जारी किया जाएगा, जिसमें उन्हें गिग वर्कर श्रेणी दी जाएगी. अभी तक आर्थिक रूप से कमजोर और 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड जारी किया जाता है. ध्यान रहे कि वित्त मंत्री ने बजट में गिग वर्कर के लिए आयुष्मान योजना के तहत स्वास्थ्य कवरेज का लाभ दिए जाने की घोषणा की थी, जिसके बाद से श्रम एवं रोजगार और स्वास्थ्य मंत्रालय अस्थाई श्रमिकों को योजना का लाभ दिए जाने पर काम कर रहे हैं.
पेंशन से जुड़े अंशदान पर सहमति बनी : श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और ई-कॉमर्स एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए सेवा मुहैया कराने वाली कंपनियों के बीच पेंशन से जुड़े अंशदान को लेकर सहमति बन गई है.
पंजीकरण जरूरी: पेंशन से जुड़ा प्रस्ताव जून अंत तक कैबिनेट में मंजूरी के लिए लाया जा सकता है. कंपनियां कर्मचारियों की पेंशन में हर माह अंशदान देंगी. ओला, उबर, जोमैटो, स्विगी जैसी कंपनियों को गिग वर्कर का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करने को कहा जा रहा है.
कौन होते हैं गिग वर्कर: गिग वर्कर ऐसे कर्मी होते हैं जो पारंपरिक नियोक्ता-कर्मचारी संबंधों के बाहर काम करते हैं. जैसे कैब चलाना, ऑनलाइन डिलीवरी करना या फिर फ्रीलांसिंग जैसे काम करना.