फूड एंड ड्रग विभाग की बड़ी कार्रवाई, 25 मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस रद्द

फूड एंड ड्रग विभाग ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए 25 मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। यह कदम गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के चलते उठाया गया है, जिससे जनता के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके। विभाग की यह कार्रवाई सुनिश्चित करती है कि केवल मानक के अनुसार कार्य करने वाले स्टोर ही संचालित हों।
प्रदेश में नशीली दवाओं की बिक्री के मामले में 25 मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस को निरस्त और सस्पेंड किया गया है, यह कार्रवाई खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा की गई है। राजधानी के कई मेडिकल स्टोरों में नशीली दवाओं की बिक्री जारी है, जो नियमित निरीक्षण की कमी के कारण हो रहा है। पिछले दो महीनों में 2920 मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया गया, और नकॉर्ड की राज्य स्तरीय बैठक के निर्देशों के तहत 3610 मेडिकल संस्थानों के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई। निरीक्षण के दौरान यदि नारकोटिक दवाओं की बिक्री में कोई अनियमितता पाई गई, तो संबंधित मेडिकल स्टोरों की अनुज्ञप्ति को निलंबित या निरस्त कर दिया गया है। इसके साथ ही, प्रदेश के सभी 144 ब्लड सेंटर्स को ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकृत किया जा रहा है।
भविष्य में इन केंद्रों से संबंधित समस्त आवेदन एवं प्रक्रियाएं केवल ऑनलाइन माध्यम से ही स्वीकार की जाएंगी। इस क्रम में सभी ब्लड सेंटर्स को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं और पंजीयन की प्रक्रिया प्रगति पर है। अभी ब्लड के लिए सेंटर जाना पड़ता है। वहां रिक्वेस्ट फार्म जमा किया जाता है। इसके बाद ब्लड दिया जाता है।
सूखे नशे का ट्रेंड ज्यादा बढ़ा
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में सूखे नशे का ट्रेंड ज्यादा बढ़ा है। नशीली और प्रतिबंधित दवाएं जो डाक्टर की पर्ची के बिना लोगों सीधे नहीं बेची जा सकती, ऐसी दवाएं खुलेआम बेची जा रही हैं। ड्रग माफिया बाइक और कार में घूम-घूमकर बेचते हुए पकड़े जा रहे हैं। इसी को देखते हुए दवा दुकानों पर सख्ती शुरू की जा रही है। बताया गया है कि बीते दो महीने में 2920 मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया।