
भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत अब ट्रेन के डिपार्चर से 24 घंटे पहले रिजर्वेशन चार्ट तैयार किया जाएगा। यह नया सिस्टम अभी ट्रायल फेज में है और इसे बीकानेर डिवीजन में लागू किया गया है। इस बदलाव का मकसद यात्रियों को उनकी कन्फर्म सीट की जानकारी पहले से देना और आखिरी समय की अनिश्चितता को कम करना है।
24 घंटे पहले बनेगा ट्रेन की वेटिंग लिस्ट चार्ट
अभी तक भारतीय रेलवे में पहला रिजर्वेशन चार्ट ट्रेन के डिपार्चर से 4 घंटे पहले तैयार होता है, और दूसरा चार्ट डिपार्चर से 30 मिनट पहले बनाया जाता है। लेकिन अब रेलवे इस सिस्टम में बदलाव की योजना बना रहा है। सूत्रों के अनुसार, नई व्यवस्था के तहत फाइनल रिजर्वेशन चार्ट ट्रेन के डिपार्चर से 24 घंटे पहले तैयार होगा। बीकानेर डिवीजन में इस ट्रायल की शुरुआत हो चुकी है, और इसे जल्द ही देशभर में लागू करने की योजना है।
नए रूल से रेल यात्रियों को होगा ये फायदा?
इस नए सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि वेटलिस्ट में रहने वाले यात्रियों को अपनी सीट की स्थिति पहले से पता चल जाएगी। अभी तक यात्रियों को चार्ट तैयार होने तक, यानी डिपार्चर से 4 घंटे पहले, अपनी सीट कन्फर्मेशन का इंतज़ार करना पड़ता था। इस वजह से आखिरी समय में यात्रा की योजना बनाना मुश्किल हो जाता था, खासकर तब जब टिकट कन्फर्म नहीं होता था। अब 24 घंटे पहले चार्ट तैयार होने से यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाने और वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
मौजूदा सिस्टम में हैं ये कमियां
मौजूदा सिस्टम में पहला चार्ट 4 घंटे पहले और दूसरा चार्ट 30 मिनट पहले तैयार होता है। इस वजह से वेटलिस्ट वाले यात्रियों को आखिरी समय तक अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है। कई बार टिकट कन्फर्म न होने पर यात्रियों को अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ती है या दूसरी व्यवस्था करनी पड़ती है। इसके अलावा, चार्ट तैयार होने के बाद टिकट बुकिंग की समय सीमा भी कम होती है, जिससे रेलवे स्टेशनों पर भीड़ बढ़ जाती है। नया सिस्टम इन समस्याओं को हल करने की दिशा में एक कदम है।