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AC टेम्परेचर: जापान, इटली जैसे टॉप 10 देशों में 23-28 डिग्री की सीमा लागू, अब भारत में लागू होगा सख्त नियम

भारत में गर्मी का प्रकोप हर साल नई ऊंचाइयों को छू रहा है। 2024 अब तक का सबसे गर्म साल रहा। पिछले साल राजस्थान के जैसलमेर में तापमान 54 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि दिल्ली, चुरू और बाड़मेर जैसे शहरों में भी पारा 48-50 डिग्री के पार रहा। अब एक बार फिर भीषण गर्मी पड़ रही है। यूएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले पांच सालों में एक साल ऐसा होगा जो 2024 से भी ज्यादा भीषण गर्मी वाला होगा।

ऐसे में इस भीषण गर्मी में एयर कंडीशनर (AC) न केवल आराम का साधन है, बल्कि कई घरों और कार्यालयों के लिए जरूरत बन चुका है। लेकिन AC के तापमान को लेकर विभिन्न देशों में अलग-अलग नियम और मानक हैं, जो बिजली बचाते हैं और पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हैं। भारत ने हाल ही में AC के लिए न्यूनतम तापमान सीमा 20-28 डिग्री सेल्सियस तय करने की घोषणा की है, जो 2025-26 से सरकारी कार्यालयों में लागू हो सकती है।

टॉप 10 देशों में AC तापमान की न्यूनतम सीमा

जापान: जापान में AC का डिफॉल्ट तापमान 28 डिग्री सेल्सियस निर्धारित है। यह नीति ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देती है, क्योंकि जापान में बिजली की खपत को कम करना राष्ट्रीय प्राथमिकता है। गर्मियों में, सरकारी और सार्वजनिक भवनों में यह मानक सख्ती से लागू होता है।

इटली: इटली ने सार्वजनिक भवनों में AC का न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तय किया है। यह नियम ऊर्जा दक्षता और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए लागू किया गया है। इटली में, “ऑपरेशन थर्मोस्टेट” नामक एक सरकारी पहल ऊर्जा संरक्षण के लिए सार्वजनिक भवनों में एयर कंडीशनिंग और हीटिंग के उपयोग को सीमित करती है। विशेष रूप से, गर्मियों में एयर कंडीशनिंग को 25 डिग्री सेल्सियस (77°F) से कम नहीं किया जा सकता है।

स्पेन: स्पेन में गर्मियों में AC का तापमान 27 डिग्री सेल्सियस से कम नहीं रखा जा सकता। यह नीति ऊर्जा संकट से निपटने के लिए 2022 में लागू की गई थी। यह नियम बढ़ती बिजली लागत और जलवायु संबंधी चिंताओं के बीच देश की ऊर्जा-बचत योजना का हिस्सा है।

बेल्जियम: स्पेन और इटली की तरह बेल्जियम ने भी सार्वजनिक इमारतों के लिए विशेष इनडोर जलवायु नियम बनाए हैं। कूलिंग 27 डिग्री सेल्सियस से कम नहीं होनी चाहिए, जबकि सर्दियों में हीटिंग 19 डिग्री सेल्सियस तक सीमित है। इन्हें कानूनी रूप से लागू किया जाता है और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में ऊर्जा जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।

यूनाइटेड किंगडम: यूके में, विशेष रूप से लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स जैसे संस्थानों ने 24 डिग्री सेल्सियस को आदर्श तापमान माना है। हालांकि, यह कोई कानूनी सीमा नहीं है, बल्कि सुझाव है।

अमेरिका: कैलिफोर्निया में गर्मियों में AC का तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस से कम नहीं रखा जा सकता। हार्वर्ड जैसे संस्थानों ने 23.3-25.6 डिग्री को आदर्श माना है। अमेरिका में, हालांकि यह कानूनी आवश्यकता नहीं है, लेकिन एनर्जी स्टार प्रोग्राम घरों में एयर कंडीशनर को 25.5 डिग्री सेल्सियस (78 डिग्री फारेनहाइट) पर सेट करने की सिफारिश करता है।

सिंगापुर: सिंगापुर में सार्वजनिक भवनों में AC का तापमान 24-26 डिग्री सेल्सियस के बीच रखा जाता है, जो उष्णकटिबंधीय जलवायु के लिए उपयुक्त है। इसके अलावा, इस देश में ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए मानक इनडोर एयर-कंडीशनिंग तापमान को 25°C (या उससे अधिक) तक बढ़ाने के लिए जोर दिया जा रहा है। “गो 25” के नाम से जानी जाने वाली यह पहल घरों, व्यवसायों और इमारतों को अत्यधिक ठंडक से निपटने के लिए इस तापमान सेटिंग को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है।

ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलिया में कोई सख्त कानूनी सीमा नहीं है, लेकिन सरकारी दिशानिर्देश 23-25 डिग्री सेल्सियस की सलाह देते हैं। न्यूनतम ऊर्जा प्रदर्शन मानकों (MEPS) के माध्यम से, देश में केवल उन्हीं एयर कंडीशनर को बेचने की अनुमति है जो टिपिकल एफिशिएंसी बेंचमार्क को पूरा करते हैं। हालांकि, थर्मोस्टेट सेटिंग पर कोई राष्ट्रीय आदेश नहीं है।

चीन: चीन में AC का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस से कम नहीं रखने की सलाह दी जाती है, खासकर सरकारी और व्यावसायिक भवनों में। चीन में, सरकारी इमारतों को गर्मियों के चरम महीनों के दौरान न्यूनतम तापमान 26°C बनाए रखना आवश्यक है, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की इमारतों के लिए यह अनिवार्य नियम है। इस पहल का उद्देश्य ऊर्जा संरक्षण और बिजली की मांग को कम करना है। जबकि यह नियम सार्वजनिक इमारतों में सबसे प्रमुख है।

दक्षिण कोरिया: दक्षिण कोरिया में गर्मियों में AC का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस पर सेट करने की नीति है, जो ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देती है। घरों के अलावा, दक्षिण कोरिया में सार्वजनिक कार्यालयों को आम तौर पर गर्मियों के महीनों के दौरान एयर कंडीशनिंग तापमान 26 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

भारत: भारत में प्रस्तावित नया मानक 20-28 डिग्री सेल्सियस की सीमा तय करता है। यह नियम अभी ट्रायल के दौर में है और 2025-26 से सरकारी कार्यालयों में लागू हो सकता है। वैसे बता दें कि भारत में अधिकांश AC 16 डिग्री से नीचे तापमान सेट नहीं कर सकते, क्योंकि इससे इवैपोरेटर पर बर्फ जम सकती है, जिससे डिवाइस खराब हो सकता है।

भारत में AC तापमान सीमा का महत्व

भारत में गर्मी की तीव्रता को देखते हुए AC का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। 2024 में उत्तर और मध्य भारत में AC की मांग 15-20% बढ़ी, जबकि बिहार और ओडिशा जैसे राज्यों में यह वृद्धि 25-30% तक रही। हालांकि, भारत में केवल 10% घरों में AC का उपयोग होता है, जो चीन (68%) और थाईलैंड (38%) की तुलना में काफी कम है।

नए 20-28 डिग्री सेल्सियस के मानक का उद्देश्य

ऊर्जा संरक्षण: ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, AC का तापमान 1 डिग्री बढ़ाने से 6% बिजली की बचत होती है। 24-26 डिग्री पर AC चलाने से बिजली बिल में 18% तक की कमी आ सकती है।

पर्यावरण संतुलन: भारत में 2050 तक AC की मांग बिजली खपत का 45% हिस्सा हो सकती है। तापमान सीमा लागू करने से कार्बन उत्सर्जन में 20 करोड़ टन की कमी संभव है।

स्वास्थ्य लाभ: 18-21 डिग्री जैसे निम्न तापमान मानव शरीर (36-37 डिग्री) के लिए अस्वाभाविक हैं और स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। 24-26 डिग्री का तापमान स्वास्थ्य और आराम के लिए संतुलित है।

भारत की गर्मी और AC की चुनौतियां

भारत में गर्मी की स्थिति चरम पर है। जैसलमेर, चुरू, और फलौदी जैसे शहरों में तापमान 50 डिग्री से पार पहुंचने की आशंका है, जिसके कारण AC की मांग बढ़ी है। लेकिन आपूर्ति की कमी और कीमतों में 3-5% की वृद्धि ने उपभोक्ताओं के लिए चुनौतियां बढ़ाई हैं। इसके अलावा, AC की तकनीकी सीमा भी एक मुद्दा है।

भारत के लिए उपयुक्त AC तापमान

भारत की जलवायु को देखते हुए, 24-26 डिग्री सेल्सियस का तापमान आदर्श माना जाता है। यह न केवल बिजली बचाता है, बल्कि भीषण गर्मी में भी पर्याप्त ठंडक प्रदान करता है। इनवर्टर AC, जो तापमान को ऑटोमैटिक रूप से एडजस्ट करते हैं, वे भारत में लोकप्रिय हो रहे हैं।

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