
बिलासपुर. केन्द्र सरकार ने रेल बजट में 400 वंदे भारत (Vande Bharat) ट्रेन चलाने की घोषणा की थी. एक ट्रेन (Train) में एक बार में 1128 यात्री सफर कर सकते हैं. यह बिना लोकोमोटिव इंजन के रेलवे ट्रैक पर दौड़ती है. तेज रफ्तार होने के साथ ही ट्रेन की सीटों को आरामदायक है. रेलवे बोर्ड ने इसका रूट भी दिल्ली के बीच का सफर करीब 13 उम्मीद की जा रही है कि वर्ष छत्तीसगढ़ से वंदे भारत की पहली बनाया गया है. रेलवे (Railway) बोर्ड द्वारा लगभग तय कर दिया है. बताया जा से 14 घंटे में पूरा हो जाएगा. 2023 के शुरूआती माह में ट्रेन पटरी पर दौड़ने लगेगी.
वंदे भारत एक्सप्रेस का मेंटेनेंस करने के लिए पूरा यूनिट तैयार किया जा रहा है. बिलासपुर और गोंदिया में वंदे भारत ट्रेन का मेंटेनेंस होगा. रेलवे बोर्ड से इसके लिए एसईसीआर को 55 करोड़ रूपए मिले हैं. सामान्य यात्री ट्रेनों से वंदे भारत के कोच बहुत अलग है. ऐसे में उसका मेंटेनेंस करने के लिए अलग से प्लेटफार्म बनाया जाएगा. वहीं हर कोच की जांच के लिए ऑटोमेटिक डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा.
वंदे भारत एक्सप्रेस की टेक्नोलाजी बेहद हाईटेक है
इस ट्रेन में कुल 16 कोच होंगे. एक बार में कुल 1128 16 कोच के साथ यात्री सफर कर सकते है. ट्रेन में सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन लगा है. एयर कंडीशन, पटरी पर दौड़ेगी ट्रेन चेयर कार कोच के साथ आटोमेटिक दरवाजे होंगे. वंदे भारत एक्सप्रेस में इकोनॉमी और एग्जिक्यूटिव क्लास में यात्री सफर कर पाएंगे.
55 करोड़ में बन रहा कोचिंग डिपो
एसईसीआर को वंदे भारत का दो रैक दिया जाएगा. बिलासपुर और गोंदिया के लिए यह दोनों रैक का आवंटन किया गया है. छत्तीसगढ़ के यात्रियों को जल्द ही पहली वंदे भारत एक्सप्रेस मिलने वाली है. इस ट्रेन को बिलासपुर से दिल्ली के बीच चलाने की तैयारी की जा रही.