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बैंक बंद होने के बाद सरकार दे रही 8516 करोड़ रुपये, फटाफट करें अप्लाई

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से बैंकों को कई तरह के दिशा निर्देश दिए जाते हैं जो भी बैंक नियमों का पालन नहीं करते हैं उनके लाइसेंस को कैंसिल कर दिया जाता है. देशभर में बैंकिंग व्यवस्था को अच्छे से चलाने के लिए आरबीआई की ओर से निर्देश जारी किए जाते हैं. हाल ही में आरबीआई ने कई बैंकों का लाइसेंस कैंसिल किया है. 

ग्राहकों को दिए जाते हैं पैसे
लाइसेंस कैंसिल कि गए बैंकों के ग्राहकों को सरकार की ओर से पैसे बांटे जाते है, जिससे कि बैंक के ग्राहकों को कम से कम नुकसान हो. हाल ही में रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया था, जिसके बाद में ग्राहकों को पैसों का वितरण किया जा रहा है. 

8,516.6 करोड़ रुपये किए जा चुके हैं क्लेज
बैंक का लाइसेंस कैंसिल होने की स्थिति में जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन यानी DICGC के तहत बीमा की रकम दी जाती है. आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 के दौरान DICGC के तहत 8,516.6 करोड़ रुपये क्लेम लिए जा चुके हैं.

लाखों डिपॉजिटर्स को मिली राहत
आपको बता दें इस राशि के जरिए 12.94 लाख डिपॉजिटर्स को राहत मिली है. बता दें कि इस दायरे में विदेशी बैंकों की शाखाओं, स्थानीय क्षेत्र के बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक और भुगतान बैंक सहित सभी कॉमर्शियल बैंक आते हैं. DICGC, RBI की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो बैंक जमा पर बीमा कवर प्रदान करती है. 

2020 में सरकार ने बढ़ाई थी राशि
केंद्र सरकार ने ग्राहकों के नुकसान को कम करने के लिए 2020 में डिपॉजिट पर बीमा कवर को पांच गुना बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था. पहले यह राशि सिर्फ 1 लाख रुपये थी. 

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