
कोयला खदान (Coal mining) में ब्लास्ट होने का एक वीडियो सामने आया है जिसमें कोयला निकालने के लिए जोरदार ब्लास्ट किए गए. धमाके के बाद आसपास और 40 फीट ऊपर तक सिर्फ धूल नजर आ रही थी. धमाके के बाद कई घरों में दरारें आ गई, और कुछ घरों में कोयला (Coal) भी गिरा. यह मामला SECL के कुसमुंडा खदान का है. कुसमुंडा खदान में कोयला निकालने के लिए ब्लास्टिंग की गई, जिसमें बारूद का इस्तेमाल किया गया. ब्लास्टिंग का वीडियो (Video) सामने आया मगर यह कब का है अब तक इसका पता नहीं चल पाया है.
सोशल मीडिया (Social Media) पर इन दिनों एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. इसमें साफ दिख रहा है कि कोयला खदान में अनगिनत ब्लास्ट हो रहे हैं. धूल के गुबार 20 फीट ऊंचे उड़ रहे हैं. आस-पास में ऐसा लग रहा है मानों कोई भूकंप आया हो. यह वीडियो कोरबा जिले के कुसमुंडा कोयला खदान का बताया जा रहा है. इसके दक्षिण दिशा के मुहाने पर पाली गांव है. इस गांव के ग्रामीणों को इस ब्लास्टिंग से काफी नुकसान हुआ है.
स्टिंग के बाद खदान के आस पास रहने वाले ग्रामीणों के कच्चे-पक्के मकानों में दरारें आ गई हैं. टीन और सीमेंट से बने छत में छेद कर कोयलों के बड़े-बड़े टुकड़े घर में गिर गए हैं. आस-पास रहने वाले लोगों की जान बाल-बाल बची है. इस घटना को लेकर लोगों में बेहद आक्रोश है. उनका कहना है की उनके छोटे-छोटे बच्चे घरों में हैं ये पत्थर किसी के ऊपर भी गिर सकते थे. कुछ हो जाता तो किसकी जिम्मेदारी होती? ब्लास्टिंग से हमारे घरों के दीवार में दरारें आ गईं हैं.
वहीं कई लोगों का कहना है कि वह कई बार इसका विरोध कर चुके हैं. इस तरह के धमाकों से कई बार उनके घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इस बार भी ऐसा ही हुआ. लोगों का कहना है कि कोयला सीधे उनके घरों में गिरता है जिससे कई बार घर पर रखी चीजें क्षतीग्रस्त हो चुकी है.
गौरतलब है कि कोरबा में कई कोयला खदान है. कुसमुंडा में ओपन खदान है जिसमें से कोयला बड़ी मात्रा में निकाला जाता है. इसके लिए एसईसीएल कोयले की चट्टानों को तोड़ने के लिए ब्लास्टिंग करता है. इसमें भारी बारूद का इस्तेमाल होता है, लेकिन वायरल वीडियो कब का है. इसकी जानकारी फिलहाल नहीं मिली है. वहीं कोरबा पुलिस का कहना है कि कोयला खदान में इस तरह के ब्लास्टिंग रूटीन है. अक्सर वहां ऐसे ब्लास्टिंग होते रहते हैं.