JSW एनर्जी की 2024-25 में 15,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना

देश की बढ़ती बिजली मांग से प्रेरित होकर निजी क्षेत्र की बिजली कंपनी जेएसडब्ल्यू एनर्जी (JSW Energy) अपने पूंजीगत व्यय को कुछ साल तक रफ्तार देकर 1.15 लाख करोड़ रुपये करने पर विचार कर रही है. कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सज्जन जिंदल ने यह जानकारी दी.
जेएसडब्ल्यू एनर्जी की सालाना आम बैठक (AGM) में शेयरधारकों के बीच शुक्रवार को जिंदल ने कहा, ‘साल 2023 से काफी पहले 20 गीगावॉट की उत्पादक कंपनी बनने के लक्ष्य की दिशा में हमने महत्त्वपूर्ण प्रगति की है. बिजली की अच्छी आधारभूत मांग, विकासाधीन क्षमता की दमदार योजना और बैलेंस शीट में मजबूत पूंजी संरचना जैसी अनुकूल परिस्थितियों से मुझे साल 2030 के लक्ष्य तक कुछ वर्षों तक तेजी से बढ़ाने का भरोसा है.
वर्तमान में थर्मल, हाइड्रो, सौर और पवन ऊर्जा क्षेत्र में जेएसडब्ल्यू एनर्जी की कुल स्थापित क्षमता करीब 7.3 गीगावॉट है. पिछले साल बिजली उत्पादक कंपनी ने साल 2030 से पहले 40 गीगावॉट ऊर्जा भंडारण के साथ-साथ बिजली उत्पादन क्षमता को 20 गीगावॉट तक बढ़ाने के लिए अपनी रणनीति 2.0 का ऐलान किया था. तब लगभग 1.12 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का इरादा था.
शुक्रवार के अपने भाषण में जिंदल ने इस राशि को 1.15 लाख करोड़ रुपये आंका और कहा कि चूंकि हम अपनी महत्वाकांक्षा बढ़ा रहे हैं, इसलिए आगे चलकर इसमें वृद्धि होने की संभावना है.
जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान इसमें से 15,000 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के रूप में खर्च करने की योजना बनाई है. जिंदल ने कहा, ‘2.6 गीगावॉट की परियोजनाओं के साथ, जो कि निर्माणाधीन हैं और जिनके इसी वित्त वर्ष में शुरू होने की संभावना है, कंपनी वित्त वर्ष 2025 तक 10 गीगावॉट की स्थापित क्षमता के लक्ष्य तक पहुंचने की राह पर है.’
जिंदल ने यह भी कहा कि कंपनी ताप बिजली के नए अवसरों पर नजर रखेगी. उन्होंने कहा, ‘ग्रिड की स्थिरता में ताप बिजली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जब तक कि बैटरी स्टोरेज और हाइड्रो पंप स्टोरेज जैसे ज्यादा कुशल स्टोरेज समाधान नहीं बन जाते. कंपनी अक्षय क्षमता जोड़ने पर लगातार ध्यान दे रही है. वह ऊर्जा भंडारण समाधानों की तलाश करती रहेगी और साथ ही ताप बिजली के नए अवसरों पर भी नजर रखेगी.