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रत्नों के कारोबार की विरासत को

हरिभाई जेम्स एंड ज्वेलर्स की संचालिका जयश्री जवेरी से खास बातचीतः रायपुर. ‘रत्नों की चमक और उनकी परख के बीच ही अपना बचपन बिताने के बाद, जयश्री जवेरी ने समझ लिया कि यही उनकी दुनिया है। परिवार की विरासत को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने रत्नों की शक्ति और सुंदरता को गहराई से समझा, और इसे न केवल पेशा बल्कि जीवन का उ‌द्देश्य बना लिया। रायपुर की जानी-मानी जेमोलॉजिस्ट और हरिभाई जेम्स एंड ज्वेलर्स की संचालिका जयश्री बताती हैं, हारत्न केवल आभूषण नहीं हैं, बल्कि आत्मविश्वास और सकारात्मकता का स्रोत हैं। ‘जयश्री के लिए सबसे यादगार पल तब आते हैं जब ग्राहक अपनी यात्रा साझा करते हैं। कोई बताता है कि रत्न पहनने के बाद प्रमोशन मिला, तो कोई कहता है कि व्यवसाय में सौदा पक्का हुआ। ‘यह देखना कि रत्नों की शक्ति ने किसी की जिंदगी में बदलाव लाया, हमारे काम की सबसे बड़ी खुशी है।’

विरासत में बसी ज्ञान की चमक

जयश्री का परिवार खानदानी जौहरी रहा है। बचपन से ही वे रत्नों की दुनिया में घुली-मिली थीं। उनके परिवार के बड़े और अनुभवी सदस्य बताते थे कि हर रत्न में केवल सुंदरता ही नहीं, बल्कि ऊर्जा और ग्रहों की शक्ति भी छिपी होती है। 1950 से उनके परिवार ने रत्नों की पहचान और मूल्यांकन का काम किया है, और आज जयश्री वही परंपरा संभाले हुए हैं। वे कहती हैं- ‘छोटे से लेकर बड़े रत्न- सही पहचान और शुद्धता पर हम विशेष ध्यान देते हैं। यही हमें हमारे ग्राहकों के विश्वास तक ले जाता है।’ जयश्री मानती हैं कि हमारे जीवन में नौ ग्रहों का गहरा असर है। और जब ग्रह अशुभ हों, तो व्यक्ति परेशानियों का सामना करता है। ऐसी स्थितियों में रत्न धारण करने से नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और सकारात्मक बदलाव आते हैं।

समुंदर की गहराई से निकले खजाने

यह काम केवल भारत तक सीमित नहीं है। जयश्री बताती हैं कि कोरिया, जापान, हांगकांग, म्यांमार, वेनेजुएला और कोलंबिया जैसे देशों से भी रत्न मंगाए जाते हैं। समुद्र की गहराइयों में छिपे इन रत्नों को परखना और तराशना कोई आसान काम नहीं। ‘शुद्धता और चमक के आधार पर इनकी कीमत तय होती है। कुछ रत्न सौ रुपए से भी कम में मिल जाते हैं, तो कुछ की कीमत लाखों में होती है। लेकिन सही रत्न हमेशा अपनी ऊर्जा से असर दिखाता है।’

आज रत्न फैशन स्टेटमेंट का भी हिस्सा

आज रत्न केवल ग्रह शांति या कुंडली के लिए नहीं, बल्कि फैशन स्टेटमेंट का भी हिस्सा बन गए हैं। महिलाओं में ब्रेसलेट, नेकलेस, बैंगल और रिंग्स जैसे जेम्स की भारी मांग है। जयश्री बताती हैं, ‘जब लोग ज्वेलरी पहनकर बाहर आते हैं और खुद में बदलाव महसूस करते हैं, तो हमें बहुत संतोष मिलता है। रत्न आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक बनते हैं।’

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