दूरसंचार विभाग ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी हुए करीब 78.33 लाख मोबाइल नंबर को बंद कर दिया है. इनकी पहचान एआई आधारित टूल से की गई, जिसे विभाग ने विकसित किया है. इसके जरिए इन नंबरों को दोबारा सत्यापन किया गया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई.
लोकसभा में बुधवार एक प्रश्न के लिखित उत्तर में संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसके अलावा, साइबर अपराध में शामिल होने की रिपोर्टिंग के आधार पर 6.78 लाख मोबाइल नंबरों को भी बंद किया गया है.
10 लाख का जुर्माना लगेगा उन्होंने बताया कि सिम कार्ड जारी करते समय ग्राहक पहचान (केवीआई) प्रक्रिया को सख्त किया गया है. इसके तहत टेलीकॉम कंपनियों को ग्राहकों को सिम कॉर्ड जारी करने वाले अपने एजेंट, डिस्ट्रीब्यूटर और दुकानदारों का पंजीकरण करने का निर्देश दिया गया है. इन सभी को ग्राहक का बायोमीट्रिक सत्यापन करना होगा. जरूरत पड़ने पर स्थानीय निवास पते का भौतिक सत्यापन भी जरूरी होगा. अगर कोई एजेंट 31 जनवरी 2025 के बाद कंपनी में बिना पंजीकरण कराए सिम कार्ड जारी करता है, उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा.