मुंबई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की चीन पर 100% अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा ने वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी बाजार को हिला दिया। इस घोषणा के बाद क्रिप्टो मार्केट से एक घंटे में ही 7 अरब डॉलर (करीब 1.7 लाख करोड़ रुपए) निकल गए। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, इससे दुनियाभर के 16 लाख से ज्यादा ट्रेडर्स प्रभावित हुए। यह गिरावट 2020 के बाद सबसे बड़ी लिक्विडेशन (निवेश भुनाना) है।

क्रिप्टो मार्केट से 1 घंटे में ₹1.7 लाख करोड़ निकले
ट्रम्प ने कहा, ‘चीन ने 1 नवंबर 2025 से लगभग हर प्रोडक्ट पर कठोर निर्यात नियंत्रण लगाने की धमकी दी है। जवाब में अमेरिका 1 नवंबर से चीन पर 100% टैरिफ लगाएगा, जो मौजूदा टैरिफ के अलावा होगा। साथ ही, महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर निर्यात प्रतिबंध लगेंगे।’ इस भू-राजनीतिक तनाव ने अमेरिकी शेयर बाजारों को भी झकझोरा। डाउ जोन्स 2% गिरा, एसएंडपी 500 में 2.7% और नैस्डैक में 3.6% की गिरावट आई। बिटकॉइन का एसएंडपी 500 से 0.89 का सहसंबंध इसे और संवेदनशील बना रहा। क्रिप्टो मार्केट का कुल मार्केट कैप 10% घटा बीते सप्ताह के आखिर में क्रिप्टो का कुल मार्केट कैप 10% गिरकर 331.8 लाख करोड़ रुपए रह गया। बिटकॉइन 8-9% गिरकर ऑल टाइम हाई से 11.5% नीचे आ गया। इसका मार्केट कैप 8.3% घटकर 197 लाख करोड़ रुपए रह गया। ईथरियम भी 12% गिरकर 3,835 डॉलर पर, जो ऑल टाइम हाई से 22.5% नीचे है। अन्य कॉइन्स में बीएनबी 11%, एक्सआरपी 12%, सोलाना 15%, डॉजकॉइन 22% और कार्डानो 17% की गिरावट। सेंटीमेंट इंडेक्स ‘फियर’ पर यानी डर पर आ गया।
यह क्रैश नहीं, बल्कि रिस्क री-वैल्यूएशन है
कोइनमार्केटकैप के ट्रैकर साशा ने कहा, ‘यह क्रैश नहीं, बल्कि जियोपॉलिटिकल शॉक के बाद रिस्क री-वैल्यूएशन है।’ उन्होंने बिटकॉइन की इक्विटी से जुड़ी कमजोरी और ईटीएफ निवेश में गिरावट को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। प्रॉफिट-बुकिंग भी तेज हुई, जबकि इस बीच सोने में निवेश बढ़ा।



















