चुनावी बॉन्ड मामले में यूनिक अल्फा न्यूमेरिक नंबर सार्वजनिक होने से क्या प्रभाव पड़ेगा. इस बारे में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) के संस्थापक सदस्य प्रो. त्रिलोचन शास्त्रत्त्ी ने कहा कि शीर्ष अदालत के निर्देश पर अभी तक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सिर्फ चुनावी बॉन्ड खरीदने वाले और चंदा पाने वालों की जानकारी का पता चला है.
शास्त्रत्त्ी ने कहा कि बॉन्ड का यूनिक अल्फा न्यूमेरिक नंबर जारी होने से जानकारी मिल सकेगी कि किस कंपनी या व्यक्ति ने किन-किन राजनीतिक दलों को चंदा दिया है.
अब तक क्या खुलासे हुए : उन्होंने कहा कि अभी तक जो जानकारी सार्वजनिक हुई है, उससे यह पता चल रहा कि कई ऐसी कंपनियां हैं जिनके खिलाफ सीबीआई और ईडी द्वारा भ्रष्टाचार और धन शोधन के आरोपों में कार्रवाई कर रही थी, लेकिन इस तरह के आरोपों का सामना कर रही कंपनियों ने बड़े पैमाने पर चुनावी बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदा दिया.
क्या और खुलासा होने की उम्मीद : शास्त्रत्त्ी ने कहा कि बॉन्ड का नंबर जारी होने से यह पता चलेगा कि जिन कंपनियों पर भ्रष्टाचार और धन शोधन जैसे गंभीर अपराध के मामले चल रहे थे, उसने किस राजनीतिक दल को कितना चंदा दिया है.
चुनाव पर कितना असर पड़ेगा, कहना मुश्किल : एक सवाल के जवाब में प्रो. शास्त्रत्त्ी ने कहा कि इसका चुनाव पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह अभी कहना मुश्किल है, लेकिन मतदाताओं को यह अवश्य पता चलेगा कि जो कंपनी भ्रष्टाचार और धन शोधन के आरोपों में लिप्त थी, उसने किस-किस राजनीतिक दल को चंदा दिया.