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सोने की रिकॉर्ड रफ्तार बरकरार, सवा लाख के पार निकल सकता है सोना

सोने की रिकॉर्ड तोड़ रफ्तार इस साल आगे भी बरकरार रह सकती है. अमेरिकी बैंकिंग और वित्तीय निवेश कंपनी गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान जताया है कि 2025 के अंत तक सोने की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3,700 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है. भारतीय बाजार में कीमत लगभग 1.10 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के बराबर हो सकती है.

यह अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव पर निर्भर करेगा. गोल्डमैन सैक्स की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और वैश्विक मंदी का जोखिम बहुत अधिक बढ़ता है तो सोना 4,500 डॉलर प्रति औंस तक भी जा सकता है, जो भारत में 1.30 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास होगा. कंपनी ने पहले 3100 डॉलर और फिर 3300 डॉलर का लक्ष्य रखा था, जिसे अब बढ़ा दिया है.

यदि सोना नए लक्ष्य तक पहुंचता है तो यह 41 % से लेकर 71.5% का रिटर्न दे सकता है. भारत के संदर्भ में वर्ष 2025 में सोने की कीमतों में 22% से 71.5% तक की वृद्धि हो सकती है.

क्या करें निवेशक

एचडीएफसी के कमोडिटी और करंसी विभाग के प्रमुख अनुज गुप्ता के अनुसार, छोटी अवधि यानी अगले तीन महीनों तक सोने के भाव में गिरावट की संभावना कम है. लेकिन लंबी अ‌वधि में बेहतर मुनाफा प्राप्त हो सकता है. इसलिए निवेशकों को लंबी अवधि के लिए निवेश योजना बनाएं.

वैश्विक तनाव और युद्ध के समय कितना उछला सोना

घटना वर्ष अंतरराष्ट्रीय वृद्धि भारत में उछाल

द्वितीय विश्व युद्ध 1939-1945 80% 95%

भारत-चीन युद्ध 1962 5-10% 12%

भारत-पाक युद्ध 1965 7% 15%

भारत-पाक युद्ध 1971 15% 18%

खाड़ी युद्ध 1990-1991 23% 28%

9/11 आतंकी हमला 2001 28% 26%

वैश्विक आर्थिक मंदी 2008-2011 126% 164%

कोविड-19 महामारी 2020 33% 44%

रूस-यूक्रेन युद्ध 2022 15% 13%

इजराइल-ईरान तनाव 2024-2025 25% 23-25%

सोने में तेज उछाल से फिलहाल छोटे निवेशकों के लिए इसमें निवेश करना मुश्किल हो सकता है. उनके लिए गोल्ड ईटीएफ और डिजिटल गोल्ड में निवेश करने का विकल्प उपलब्ध हैं. इनमें छोटी राशि से भी निवेश किया जा सकता है.

चार महीने में 30 फीसदी का मुनाफा

विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पिछले साल नवंबर में टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद से सोने की कीमतों में लगातार उछाल आ रहा है. आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 से सोना 22,650 रुपये प्रति 10 ग्राम या लगभग 30 प्रतिशत महंगा हुआ है. वहीं, दो अप्रैल को टैरिफ लगाने के बाद से इसकी कीमतों में करीब सात फीसदी का उछाल आया है.

आजादी के बाद से 10 हजार गुना चढ़ा

आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 1947 में 10 ग्राम सोने की कीमत 88.62 रुपये थी. बीते आठ दशकों में कई उतार-चढ़ाव को देखते हुए सोने ने 10 हजार गुना से अधिक की लंबी छलांग लगाई है और अप्रैल 2025 में यह 1,01,600 रुपये तक आ चुका है. वहीं, बीते 10 वर्षों में इसने सेंसेक्स से अधिक मुनाफा दिया है. इन दौरान सोने का औसत रिटर्न 15 फीसदी रहा.

कीमतों में गिरावट की संभावना नहीं

विशेषज्ञ के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस समय जो हालात हैं, उसमें अमेरिका खुद असमंजस में है कि सोने की कीमतों पर क्या असर पड़ेगा. जब तक अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक टकराव कम नहीं होता, सोने के भाव नीचे आने के कोई आसार नहीं हैं.

18 कैरेट सोने की मांग 20% तक बढ़ी

सोने के भाव में तेजी के कारण 18 कैरेट सोने की मांग में वृद्धि देखी जा रही है. विश्व स्वर्ण परिषद की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 18 कैरेट सोने की मांग में 15-20% की वृद्धि देखी गई है. खासकर शहरी क्षेत्रों में बढ़त दर्ज की गई है.

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