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ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना- छत्तीसगढ़ में अब तक 2 करोड़ से अधिक नागरिकों को मिला लाभ, छत्तीसगढ़ में मौजूद है सुदृढ़ आईटी अधोसंरचना

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राज्य के नागरिकों की सुविधाओं में वृद्धि के लिए अनेक नवाचार किये जा रहे हैं। राज्य में ऑनलाइन सेवाओं के लिए सुदृढ़ स्टेट डाटा सेंटर, सी.जी. स्वान और भारतनेट स्थापित हैं। आधुनिक नवीनतम तकनीक का उपयोग कर IPeG योजना विश्व बैंक से प्रायोजित है। चिप्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ शर्मा ने यह जानकारी नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित डिजिटल इंडिया कॉन्फ्रेंस के तीसरे दिन के दूसरे सत्र के प्रस्तुतिकरण में दी।

प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि छत्तीसगढ़ में सुदृढ़ आई टी अधोसंरचना के चलते प्रदेश की परियोजनाओं में अब अत्याधुनिक ब्लॉकचैन, ए.आई. तकनीक का प्रयोग किया जाना प्रस्तावित है। राज्य के ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना द्वारा अब तक 2 करोड़ से अधिक नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं। गोधन न्याय योजना के पोर्टल तथा एप द्वारा 74 हजार 443 से अधिक सदस्यों को ऑनलाइन भुगतान किया जा चुका है। चिप्स द्वारा संचालित विद्यार्थी जीवन चक्र प्रबन्धन प्रणाली द्वारा 20 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने लाभ प्राप्त किया है।

अमिताभ शर्मा ने प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य का 40 प्रतिशत से अधिक भाग वनों से आच्छादित है। कम विकसित, नक्सल प्रभावित राज्य की धारणा के विपरीत छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है। छत्तीसगढ़ देश का ऊर्जा हब और वृहद सीमेंट उत्पादक है। राज्य में देश के वृहद उद्योग सेल-भिलाई, एनटीपीसी- कोरबा, एक सुविकसित एमएसएमई सेक्टर भी स्थित है। छत्तीसगढ़ में एम्स, आई.आई.टी., आई.आई.एम. ट्रिपल आई.टी. इंजीनियरिंग तथा मेडिकल कॉलेज विद्यमान हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश वायु, रेल, रोड सभी मार्गों से जुड़ा हुआ है।

उल्लेखनीय है कि दूसरे सत्र में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ में मिजोरम के मुख्य सचिव, कर्नाटक, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप के सचिवों ने भी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव डॉ. राजेंद्र कुमार ने किया।

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