
सशस्त्रत्त् बलों में एआई की संभावित चुनौतियों और संभावनाओं की लेकर विशेष प्रशिक्षण की तैयारी की जा रही है. इसका मकसद सशस्त्रत्त् बलों को नये खतरों के प्रति सतर्क रहते हुए काउंटर रणनीति तैयार करना है.
अधिकारी ने कहा आने वाले दिनों में जिस तरह की चुनौतियों के संकेत मिल रहे हैं उसे देखते हुए सुरक्षा बलों को हर तरह से मुस्तैद रहना होगा. लिहाजा विशेषज्ञों की मदद से खासतौर पर प्रशिक्षित दस्ता तैयार किया जाएगा जो चुनौतियों का त्वरित आकलन कर प्रतिक्रिया के लिये तैयार रहे.
अधिकारियों के मुताबिक एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) में तेजी से प्रगति और उनके द्वारा सक्षम की जाने वाली व्यापक रूप से बेहतर स्वायत्त प्रणालियां और संचालन मानव-मशीन सहयोग और लड़ाकू टीम से जुड़े नए और अधिक नवीन युद्ध अनुप्रयोगों की ओर इशारा कर रहे हैं. ताजा चुनौतियों के मद्देनजर मिशन विश्लेषण, परिचालन योजना और मूल्यांकन जैसी प्रक्रियाओं के उच्च संज्ञानात्मक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत महसूस की जा रही है.
सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा बलों की रणनीतिक तैयारी में यह माना जा रहा है कि एआई, मेटावर्स सहित उभरती तकनीक ने आतंक, अपराध और युद्ध के बुनियादी चरित्र को बदल दिया है. अधिकारी के मुताबिक चुनौती के बावजूद एक पक्ष यह भी है कि एआई और मानव कंप्यूटर इंटरफेस सशस्त्रत्त् बलों को संभावित प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलने के अवसर प्रदान करते हैं. माना जा रहा है कि निकट भविष्य में, व्यक्ति, टीमें, इकाइयां और संपूर्ण बल आज की तुलना में कहीं अधिक जुड़े हुए काम कर सकते हैं. इसमें आम समझ, सामूहिक निर्णय लेने और एकीकृत अग्रिम कार्रवाई की काफी संभावनाएं हैं. लेकिन भविष्य के संघर्ष में परस्पर जुड़ाव के बावजूद अस्पष्टता बढ़ेगी.
आतंकी कर सकते हैं दुरुपयोग
एआई गतिविधि की गति और पैमाने के कारण महत्वपूर्ण और महत्वहीन तथा क्या वास्तविक है और क्या नकली है, यह पहचानना कठिन हो जाएगा. विरोधी स्पूफिंग, धोखाधड़ी और डेटा हेरफेर से निपटना बड़ी चुनौती होगा. इसका उपयोग करके भौतिक वस्तुओं, जैसे रोबोटिक सिस्टम, को मानव पर्यवेक्षण के बिना कार्य करने के लिए निर्देशित किया जा सकता है. चाहे टैंक, विमान या जहाज हों, एआई मनुष्यों का उपयोग करने की आवश्यकता को कम करने में मदद कर सकता है साथ ही इसका दुरुपयोग आतंकी गुट या दुश्मन कर सकते हैं.
सुरक्षा रणनीति के लिए प्रशिक्षण
एआई तकनीक में आम तौर पर पर्यवेक्षित एल्गोरिदम का निर्माण शामिल होता है जो ड्रोन जैसे प्लेटफार्मों को भी निर्देशित करता है. अधिकारी ने कहा एआई सहित नई तकनीक से जुड़े सभी पहलुओं को सुरक्षा रणनीति के लिहाज से समझना ज़रूरी है. लिहाजा सभी बलों में इस दिशा में प्रशिक्षण शुरू किया गया है.