
नई दिल्ली. टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने देश का पहला सैन्य जासूसी सैटेलाइट तैयार किया है. इसे एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स अप्रैल में लॉन्च करेगी. मिलिट्री ग्रेड के इस सैटेलाइट का इस्तेमाल भारतीय सेना खुफिया सूचनाएं हासिल करने के लिए करेगी. अब तक सेना खुफिया सूचनाओं के लिए विदेशी वेंडर्स पर निर्भर थी.
सैटेलाइट को लॉन्चिंग के लिए फ्लोरिडा (अमरीका) भेज दिया गया है. सैटेलाइट का कंट्रोल भारत के पास होगा. इसके लिए बेंगलूरु में ग्राउंड कंट्रोल सेंटर बनाया जा रहा है. यह जल्द ऑपरेशनल हो जाएगा. इसका इस्तेमाल सैटेलाइट से मिलने वाली तस्वीरों की प्रोसेसिंग में किया जाएगा. टीएएसएल यह सेंटर लैटिन-अमरीकी कंपनी सैटेललॉजिक के साथ मिलकर बना रही है. सैटेलाइट से मिलने वाली तस्वीरों को मित्र देशों के साथ साझा किया जाएगा.
चीन के साथ एलएसी पर हुए संघर्ष के बाद इस तरह के सैटेलाइट की जरूरत महसूस की जा रही थी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पास भी जासूसी सैटेलाइट्स हैं, लेकिन व्यापक कवरेज के लिए इनकी लिमिटेशन हैं. भारत फिलहाल अमरीकी कंपनियों से जरूरी जासूसी डेटा लेता है. सैन्य जासूसी सैटेलाइट की लॉन्चिंग के बाद देश इस मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा. टीएएसएल के बेंगलूरु प्लांट में हर साल ऐसे 25 लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट बनाए जा सकते हैं. इन्हें तकनीकी रूप से कम समय में एक साथ अंतरिक्ष में स्थापित किया जा सकता है. सैटेलाइट बनाने के अलावा भविष्य के पेलोड को भी देश में विकसित किया जा सकता है. इसे सेना की जरूरतों के हिसाब से कस्टमाइज किया जा सकेगा.