रेलवे बोर्ड विकसित भारत, विकसित रेल की तर्ज पर एक्शन प्लान तैयार कर रहा है, जिससे भारतीय रेल को विश्व स्तरीय बनाया जा सके. रेलवे के एक्शन प्लान में 2047 तक 4,500 हाई स्पीड व सेमी हाई स्पीड ट्रेन (वंदे भारत एक्सप्रेस) चलाने की योजना है. रेल यात्रियों को उत्कृष्ट यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 14,00 से अधिक रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा.
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय रेल एक्शन प्लान 2047 में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने, संरक्षा व सुविधाओं पर फोकस किया जा रहा है. अगले माह तक वंदे भारत एक्सप्रेस में स्लीपर की सेवा भी शुरू हो जाएगी. उन्नत वर्जन के साथ वंदे भारत ट्रेनों को चरणबद्ध तरीके से 160-320 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर दौड़ाने का खाका तैयार हो रहा है.
12 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान हाई स्पीड व सेमी हाई स्पीड ट्रेनों को चलाने के लिए देश के ट्रंक रूट (दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई) के रेलवे ट्रैक को अपग्रेड किया जा रहा है. अधिकारी ने बताया कि ट्रंक रूट को कंजेशन मुक्त बनाने व अपग्रेड करने के लिए केंद्र सरकार ने 12 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इसके अलावा देश के दो प्रमुख रेलमार्ग दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता पर टक्करोधी तकनीक कवच लगाया जा रहा है और अन्य प्रमुख रेलमार्गो पर लगाने की योजना बनाई जा रही है. वित्तीय वर्ष (2024-25) में 50 अमृत भारत ट्रेनों की शुरूआत की जाएगी. तब रेलवे की क्षमता प्रति वर्ष 1000 करोड़ यात्रियों की ढोने की हो जाएगी.
हवाईअड्डों की तरह विकास अधिकारी ने बताया कि रेलवे एक्शन प्लान के मुताबिक 1400 रेलवे स्टेशनों को पुनर्विकास कर एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने की तैयारी कर रही है.
यहां साफ सफाई सहित विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएं होंगी. रेलवे 2047 तक माल ढुलाई 45 फीसदी तक हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है. वर्तमान में 71 प्रतिशत माल ढुलाई सड़क परिवहन व 29 फीसदी रेल परिवहन से होती है.