राजनांदगांव लोकसभा सीट से एक नहीं तीन मुख्यमंत्री का रहा ऐतिहासिक नाता
कवर्धा. राजनांदगांव लोकसभा सीट काफी लम्बे समय से ऐतिहासिक सीट में शामिल रही है इस सीट में एक नहीं तीन मुख्यमंत्री का एतिहासिक नाता रहा है.
अविभाजित मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री रह चुके कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा ने इस सीट से 1998 और 1999 में लोकसभा चुनाव लड़ा, जिसमें 1998 में उन्हें जीत मिली थी. ऐसे ही 1999 में दिगगज नेता मोतीलाल वोरा को हराने वाले डॉ. रमन सिंह भी मुख्यमंत्री की गद्दी तक पहुंचे और 2003 से 2018 तक लगातार 15 साल तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे. अब 5 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल भी इस सीट से चुनावी मैदान में उतर आए हैं.
बता दे की राजनांदगांव लोकसभा सीट एक नहीं तीन मुख्यमंत्री का ऐतिहासिक नाता रहा है. वहीं 5 साल रह चुके सांसद संतोष पांडे ने पुन: राजनांदगांव लोकसभा सीट को बरकरार रखने के लिए मैदान पर भी उतर आए हैं. राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के पहले सांसद 1957 में कांग्रेस के राजा बहादुर सिंह रहे, 1962 में भी इन्हें ही जीत मिली. 1967 में कांग्रेस प्रत्याशी रही पद्मावती देवी 1971 में कांग्रेस प्रत्याशी रहे.
राम सहाय पांडे 1977 में जनता पार्टी के प्रत्याशी मदन तिवारी, 1980 और 1984 में कांग्रेस के शिवेंद्र बहादुर सिंह, 1989 में भाजपा प्रत्याशी धर्मपाल सिंह गुप्ता, 1991 में कांग्रेस के शिवेंद्र बहादुर सिंह, 1996 में भाजपा के अशोक शर्मा, 1998 में कांग्रेस के मोतीलाल वोरा, 1999 में भाजपा के डॉक्टर रमन सिंह, 2004 में भाजपा के प्रदीप गांधी, 2007 के उप चुनाव में कांग्रेस के देवव्रत सिंह, 2009 में भाजपा के मधुसूदन यादव, 2014 में भाजपा के अभिषेक सिंह और 2019 में भाजपा के संतोष पांडे सांसद रहे हैं. अब राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र को नए सांसद का इंतजार हैं, जो घड़ी 4 जून 2024 को पूरी होगी.