जोशीमठ से एक किलोमीटर पहले मंगलवार सुबह से बंद बदरीनाथ नेशनल हाईवे गुरुवार को तीसरे दिन भी नहीं खुल सका. गुरुवार सुबह साढ़े नौ बजे चट्टान का कुछ और हिस्सा टूटकर गिर गया, इससे क्षतिग्रस्त हिस्से से पैदल आवाजाही रोक दी गई.
सड़क बंद होने से बदरीनाथ विधानसभा उपचुनाव संपन्न कराकर लौटी पोलिंग पार्टियों को ईवीएम मशीनों के साथ हेलीकॉप्टर से गोपेश्वर भेजा गया. वहीं कुमाऊं मंडल के करीब 100 मार्ग नहीं खुलने से पहाड़ से मैदान तक गैस, राशन, फल, सब्जियों का संकट बढ़ गया है. गुरुवार सुबह जब पहाड़ी का बड़ा हिस्सा टूटकर गिरा. तब आरओसी मशीन से ऑपरेटर चट्टान में ब्लॉस्टिंग के लिए छेद कर रहा था. बीआरओ के कर्मचारियों ने भागकर जान बचाई. उधर, उत्तराखंड के सात जिलों में शुक्रवार के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट हुआ है.
बिहार के 10 जिलों में गुरुवार को बारिश व आसमानी आफत बरसी. बिजली गिरने से 22 की मौत हो गई, जबकि 31 अन्य झुलस गए. मधुबनी में 5, औरंगाबाद में 4, सुपौल और नालंदा में 3-3, लखीसराय में 2, सासाराम, गोपालगंज, बेगूसराय, पूर्णिया में एक-एक की मौत हुई है.
दिल्ली करोलबाग से आए गणेश और मुकेश कहते हैं कि वे 9 लोग हैं. तीन दिन से जोशीमठ में फंसे हैं. उनके साथ छोटे बच्चे भी हैं. मौसम खराब होने से बच्चे बीमार होने लगे हैं. उनकी गाड़ी भी वाहनों की कतार में बीच में फंसी हुई है. पैसे खत्म होने को हैं. शुक्र है कि गुरुद्वारे वाले अपने यहां ठहरा रहे हैं. जोशीमठ में इतनी अधिक है कि प्रशासन ने सड़क के किनारे वाहनों को खड़ा करवा रखा है. अच्छा होता कि कहीं पार्किंग में वाहनों को खड़ा करवाते. कानपुर कल्याणपुरी से आए अंकुर त्रिपाठी और शिवम चौहान कहते हैं कि वे मंगलवार को लगभग 2 बजे वे जोशीमठ पहुंचे गए थे. तब से फंसे हुए हैं. सड़क खुलने का नाम नहीं ले रही है. बदरीनाथ से जोशीमठ 300 रुपये टैक्सी वाहन में देकर आए हैं.