देश में एक ग्राम ड्रग्स भी नहीं आने देंगे शाह
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नारकोटिक्स से जुड़ी संस्था एनकोर्ड (एनसीओआरडी) की 7वीं शीर्षस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए ड्रग्स की चुनौतियों से आगाह किया. उन्होंने ड्रग्स मुक्त भारत के लिए एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे अभियान की सराहना करते हुए कहा कि देश में कहीं से एक ग्राम ड्रग्स भी नहीं आने देंगे.
शाह ने कहा, ड्रग्स का पूरा कारोबार अब नार्को टेरर के साथ जुड़ गया है. ड्रग्स की कमाई से आने वाला पैसा देश की सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा बन गया है. गृह मंत्री ने कहा, सभी एजेंसियों का लक्ष्य सिर्फ ड्रग्स लेने वालों को पकड़ने का नहीं, बल्कि इसके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने का होना चाहिए. गृहमंत्री ने इस अवसर पर राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन ‘मानस’ की शुरुआत भी की.
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 में भारत को हर क्षेत्र में सर्वप्रथम बनाने का लक्ष्य रखा है. उसकी प्राप्ति युवा पीढ़ी को ड्रग्स के अभिशाप से दूर रखकर ही संभव है. उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने पिछले पांच साल में समग्र सरकार के दृष्टिकोण से और स्ट्रक्चरल, इंस्टीट्यूशनल और इंफॉर्मेशनल रिफॉर्म्स के तीन स्तंभों के आधार पर इस लड़ाई को लड़ने का प्रयास किया है. हम भारत में एक भी ग्राम ड्रग्स कहीं से नहीं आने देंगे. न ही भारत की सीमाओं को ड्रग्स के व्यापार के लिए किसी भी प्रकार से इस्तेमाल होने देंगे. उन्होंने कहा, ड्रग्स की आपूर्ति के प्रति कठोर, मांग में कमी के प्रति रणनीतिक और नुकसान कम करने के लिए मानवीय दृष्टिकोण होना चाहिए. एनसीओआरडी की बैठकें परिणाम अधारित होनी चाहिए. पहले हमारी एजेंसियों का सूत्र था, जानकारी हासिल करना, लेकिन अब हमें जानकारी साझा करने की जिम्मेदारी की ओर आगे बढ़ना चाहिए. इस बड़े परिवर्तन को सभी एजेंसियों को अपनाना होगा.
जांच के लिए आएगी सस्ती किट शाह ने कहा, जल्द ही सरकार नॉरकोटिक्स के प्राथमिक टेस्ट के लिए बहुत सस्ती किट उपलब्ध कराने जा रही है, जिससे केस दर्ज करने में बहुत आसानी हो जाएगी. गृह मंत्री शाह ने श्रीनगर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल कार्यालय का वर्चुअल उद्घाटन भी किया. उन्होंने एनाीबी की ‘वार्षिक रिपोर्ट 2023’ और ‘नशामुक्त भारत’ पर संग्रह सारांश जारी किया.