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Pahalgam terrorist attack: आतंकी ने पूछा- हिंदू हो या मुसलमान, मजाक समझ रहा था परिवार; बताते ही मारी गोली

Pahalgam terrorist attack कानपुर के शुभम द्विवेदी की 12 फरवरी को ही शादी हुई थी. उनकी और पत्नी ऐशान्या की बहुत इच्छा थी कि वे कश्मीर घूमने जाएं. मन में तमाम खुशियां और शानदार नजारे देखने की चाहत लेकर वे पहलगाम पहुंचे तो वहां आतंकी हमले में शुभम मारे गए. कारोबारी शुभम द्विवेदी उन 26 मासूम लोगों में से एक थे, जिन्हें आतंकवादियों ने उनका धर्म पूछकर मार डाला. उनकी पत्नी ऐशान्या ने पति के खौफनाक कत्ल की कहानी सुनाई है. ऐशान्या ने रोते हुए बताया, ‘हम घोड़ों से उतरे ही थे और गेट की तरफ पैदल जा रहे थे. शुभम अपनी बहन सांभवी के साथ बैठे थे. इसी दौरान एक शख्स आया और उसने पूछा- हिंदू हो या मुसलमान? हम लोगों में से कोई भी नहीं समझ पाया कि वह क्या कहना चाहता है. हमें लगा कि शायद मजाक कर रहा है.’

ऐशान्या ने कहा, ‘उसने फिर से वही सवाल पूछा. हम नहीं समझ पा रहे थे कि आखिर उसका मकसद क्या है. हम लोग समझे कि मजाक कर रहा है और हंसने लगे. इसी दौरान मैंने कहा कि भैया हम मुसलमान नहीं हैं.’ ऐशान्या ने कहा कि मेरा इतना कहना ही था कि उसने बंदूक निकाली और मेरे पति शुभम द्विवेदी के सिर पर गोली मार दी. शुभम और उनका परिवार 17 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंचे थे. शुभम के माता और पिता संजय और सीमा द्विवेदी पहलगान की मशहूर साइट के बाहर ही खड़े थे. वहीं शुभम, उनकी पत्नी औऱ बहन अंदर चले गए. शुभम पर जिस वक्त आतंकियों ने गोली चलाई, उस दौरान उनकी बहन शांभवी बगल में ही बैठी थीं.

ऐशान्या ने कहा कि गोली चली तो मैं रोने लगी और शुभम की तरफ भागी. इस दौरान मुझे मम्मी और पापा ने खींच लिया. अचानक सभी दिशाओं से गोलियां चलने लगीं. हम जब तक लौटते सेना आ चुकी थी. वहीं पर शुभम पड़े हुए थे और उनकी मौत हो चुकी थी. शुभम के परिवार का सीमेंट का बिजनेस है, जिसे वह संभालते थे. परिवार के इकलौते बेटे की इस तरह आतंकी हमले में हत्या होने से हर कोई परेशान है. घर में कोहराम मच गया है. शुभम द्विवेदी का परिवार मूल रूप से महाराजपुर के हाथीपुर का रहने वाला है, लेकिन लंबे समय से कानपुर वासी है. शुभम के चचेरे भाई सौरभ द्विवेदी ने कहा कि शादी के बाद यह पहला टूर था. दो महीने पहले ही शादी हुई थी और लंबी प्लानिंग के बाद वे कश्मीर गए थे.

शुभम के घर पर लोगों का जमावड़ा, सदमे में पूरे शहर के लोग

शुभम की पत्नी ने कहा कि वे मुझे भी मार सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं किया. उन लोगों ने मुझे खींचकर बाहर कर दिया. मैंने अपने पति को मरते हुए देखा. हमने तो अभी जिंदगी शुरू ही की थी कि खत्म कर दी गई. फिलहाल कानपुर में शोक की लहर है. शुभम द्विवेदी के घर पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं. उनके शव और परिवार के लोगों को कानपुर लाया जा रहा है. बड़ी संख्या राजनीतिक दलों के लोग और प्रशासनिक अधिकारी भी शुभम के घर पर पहुंचे हैं.

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