नक्सल जांच मामले में हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, NIA को जांच के लिए दिया फ्री हैंड

CG News: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित मोहला-मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले के एक प्राथमिक स्कूल में पदस्थ शिक्षक अंगद सिंह सलामे को हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. माओवादी गतिविधियों में कथित संलिप्तता को लेकर चल रही जांच के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा उसकी पत्नी के मोबाइल व इलेक्ट्रानिक डिवाइस जब्त करने के खिलाफ दायर याचिका को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
नक्सल जांच मामले में NIA को फ्री हैंड – हाईकोर्ट
शिक्षक ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि NIA उसके खिलाफ झूठा नक्सली मामला गढ़ रही है, और जांच के नाम पर उसे परेशान कर रही है, लेकिन कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, ऐसे में जांच एजेंसी को जांच में पूर्ण स्वतंत्रता देना जरूरी है.
जांच के नाम पर फंसाने का लगाया आरोप
शिक्षक अंगद सिंह ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में NIA पर गंभीर आरोप लगाए. उसका कहना था कि जांच एजेंसी के अधिकारी उस पर एक संदिग्ध नक्सली को आत्मसमर्पण के लिए मनाने का दबाव बना रहे थे. ऐसा नहीं करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी गई थी. उन्होंने दावा किया कि एनआइए ने कई बार बिना पूर्व सूचना के उससे पूछताछ की और बाद में पत्नी का मोबाइल फोन व अन्य इलेक्ट्रानिक डिवाइस जब्त कर लिए.
डिवाइस की जांच से मिल सकती हैं अहम जानकारियां – NIA
NIA की ओर से पेश अधिवक्ता बी. गोपा कुमार ने डिवीजन बेंच को बताया कि याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं. उन्होंने कहा कि अब तक की जांच में ऐसे प्रमाण मिले हैं जो शिक्षक की नक्सल गतिविधियों में संलिप्तता की ओर संकेत करते हैं. जब्त किए गए मोबाइल व अन्य डिवाइस की जांच से इस नेटवर्क के बारे में और जानकारी मिलने की पूरी संभावना है, जो जांच के लिए अत्यंत आवश्यक है.