
CG DA Hike: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में सोमवार, 30 जुलाई 2025 को मंत्रिमंडल की अहम बैठक आयोजित होने जा रही है। यह बैठक वर्षा ऋतु की शुरुआत से ठीक पहले हो रही है और इसलिए इसे कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। खासकर राज्य के सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) और किसानों (Farmers) के लिए यह बैठक राहत की सौगात लेकर आ सकती है।
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की संभावना
राज्य सरकार के 3 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को जल्द ही महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का तोहफा मिल सकता है। फिलहाल छत्तीसगढ़ में सातवें वेतनमान के तहत कर्मचारियों को 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता (DA) दिया जा रहा है, जबकि केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को 55 प्रतिशत की दर से DA प्रदान कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक, 30 जुलाई को होने वाली साय कैबिनेट (Sai Cabinet) बैठक में राज्य सरकार DA में दो प्रतिशत की वृद्धि कर सकती है, जिससे यह 55 प्रतिशत हो जाएगा। इससे न सिर्फ कर्मचारियों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि 1.5 लाख पेंशनर्स (Pensioners) को भी राहत मिलेगी।
किसानों को मिल सकती है खाद संकट से मुक्ति
कैबिनेट बैठक में केवल कर्मचारी ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए भी कुछ बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। मानसून के इस समय में खाद (Fertilizer) की आपूर्ति, वितरण और भंडारण को लेकर राज्य सरकार कोई सशक्त योजना पेश कर सकती है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि धान (Paddy), तिलहन (Oilseeds) और दलहन (Pulses) की बुवाई पूरी करने के बाद अब खाद की मांग चरम पर है। इस स्थिति में किसानों को परेशानी न हो, इसके लिए विशेष प्रावधान किए जा सकते हैं।
DA वृद्धि से बजट पर पड़ेगा भार
हालांकि महंगाई भत्ते में वृद्धि से राज्य के बजट पर कुछ अतिरिक्त भार जरूर पड़ेगा, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो इससे कर्मचारियों की क्रय शक्ति (Purchasing Power) बढ़ेगी, जिससे बाजार में मांग को बल मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
बता दें कि मार्च 2025 में बजट पेश करते समय राज्य सरकार ने DA को 53 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया था। अब जुलाई में फिर से इसकी समीक्षा की जा रही है।
कर्मचारियों की निगाहें साय कैबिनेट बैठक पर
राज्य के कर्मचारी संगठनों की निगाहें अब 30 जुलाई को होने वाली कैबिनेट बैठक पर टिकी हुई हैं। अगर बैठक में DA बढ़ाने का फैसला होता है, तो यह वर्तमान सरकार के लिए एक बड़ी राजनीतिक और प्रशासनिक उपलब्धि मानी जाएगी।