ज्यादातर लोग हमेशा समय की कमी की शिकायत करते हैं। उनके हिसाब से दिनभर काम करने के बावजूद, उनके कई कार्य अधूरे रह जाते हैं। वे न अपनी सेहत पर ध्यान दे पाते हैं और न ही रिश्तों पर। नौकरी और घर के काम निपटाने की बेचैनी में सबसे पहला समझौता,अपनी सेहत से करते हैं। घंटों स्क्रीन के सामने बैठे रहना, खानपान की गड़बड़ी, व्यायाम से दूरी और अपनों के साथ समय न बिताना जैसी बातें कई स्तर पर प्रभावित करती हैं।
क्या है 8-8-8 नियम
इस नियम के तहत अपने दिन को तीन बराबर भागों में बांटा जाता है। आठ घंटे काम के लिए निकाले जाते हैं। आठ घंटे का समय व्यक्तिगत कामों के लिए निर्धारित किया जाता है, जिसमें व्यायाम, परिवार के साथ गुजारा गया वक्त और अपनी देखभाल के लिए समय निकालना शामिल होता है। और बाकी आठ घंटे आराम और अच्छी नींद के लिए रखे जाते हैं। इससे जीवनशैली भी नियमित रहती है और सेहत संबंधी समस्याएं भी कम होती हैं।
अपनी और अपनों की देखभाल
यह समय अपनी, परिवार और बच्चों की देखभाल के लिए दें। इसके अलावा, इस समय में अपने शौक और मनोरंजन के लिए समय निकालें। दोस्तों से मिलें-जुलें या फोन पर बात करें। सबसे जरूरी अपनी स्किल्स को बढ़ाने के लिए कुछ नया सीखें। परिवार के सदस्य एक साथ अच्छा समय बिताते हैं, तो इससे भावनात्मक सेहत सुधरती है। बच्चों के साथ अच्छे संबंध बन पाते हैं।
नियमित व्यायाम करें। इससे आपका पॉश्चर बेहतर होता है। साथ ही दिनभर बैठने से शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन कम होने लगती है।
गैजेट्स में अधिक समय देने की बजाय किताबें पढ़ना, घूमना ज्यादा अच्छे विकल्प हैं।
नींद के आठ घंटे
मानसिक सेहत अच्छी बनाए रखने के लिए नींद पूरी करना जरूरी है। इसके लिए सोने की सही दिनचर्या बनाएं। समय पर बिस्तर पर सोने चले जाएं। सोने से पहले मन शांत रखने के लिए शोर से दूर रहें। कुछ देर ध्यान करें। शाम होने पर रोशनी, शोर, भागदौड़ धीरे-धीरे कम करना शुरू कर दें। गैजेट्स व मोबाइल का इस्तेमाल कम करें।
काम के आठ घंटे
काम के आठ घंटे अपनी दिनचर्या के अनुसार तय करें और उस दौरान काम पर पूरी तरह फोकस रहें। जहां तक संभव हो इस समय में अपने दूसरे काम करने से बचें।
अनुशासन बेहद जरूरी हैं। समय पर काम शुरू करें, आप पाएंगे कि दिन भर में आप ज्यादा काम कर रहे हैं और आपके काम भी अधूरे नहीं रहते।
जरूरी काम पहले करें। इससे आप तनाव व हड़बड़ी में होने वाली गलतियों से बचे रहेंगे।
समय प्रबंधन करें। छोटे-छोटे कामों में बहुत समय न लगाएं। कई लोग गैर-जरूरी कामों में या परफेक्शन की तलाश में एक या दो कामों में काफी समय लगा देते हैं। ऐसे में दूसरे काम करने के लिए वह अन्य कामों को दिए जाने वाले समय से समझौता करते हैं।
छोटे ब्रेक लें। समय पर खाएं, पानी पीते रहें। लगातार सीट पर न बैठें। बीच-बीच में सीट से उठते रहें।