रायपुर. खरसिया-नवा रायपुर-परमलकसा रेलवे परियोजना के लिए 278 किलोमीटर लंबी 5वीं एवं 6वीं रेलवे लाइन बिछाने रायपुर जिले के 34 गांवों की जमीन की खरीदी-बिक्री पर करीब छह महीने पहले येक लगा दी गई थी। अब इस बैन को हटा लिया गया है।
कलेक्टर ने शुक्रवार को इसका आदेश भी जारी कर दिया है। अब इन गांवों में पहले की तरह ही जमीन की खरीदी-बिक्री हो सकेगी। इसके पहले बलौदाबाजार कलेक्टर ने भी इस परियोजना के लिए उनके गांवों में लगा बैन खत्म किया है। कलेक्टर
डॉ. गौरव कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश के अनुसार अभनपुर के गिरोला, (बेलडीह) बेलभाठा, उरला, बकतरा, अभनपुर, सारखी, कोलर, खोरपा, पलौद, ढोढरा, खटटी, परसदा, गोबरा-नवापारा के खरखराडीह, नवागांव, तरी, थनीद, जामगांव, खरोरा के आलेसुर, पचरी, छड़िया, पथराकुण्डी, नहारबीड एवं खरोरा, मांठ, बेलदार सिवनी, बुडेनी और मंदिर हसौद के खौली, टिकारी, डिधारी, नारा, रीवा, गुजरा, धमनी, गनौद जैसे गांवों में चिन्हित खसरा नंबरों के चारों ओर 150 मीटर की परिधि में स्थित सभी जमीन की खरीदी-बिक्री, नामांतरण, बंटवारा, डायवर्सन पर लगी रोक हटा दी गई है।
40 से ज्यादा गांवों की जमीन खरीदी-बिक्री पर अभी भी बैन
नवा रायपुर और उसके आसपास के इलाकों में पांच सरकारी योजना पर काम हो रहे थे। अभी इनमें दो योजनाएं पूरी हो गई हैं। इस वजह से करीब 60 गांवों में लगी जमीन की खरीदी-बिक्री पर रोक हटा ली गई है। लेकिन अभी भी 40 से ज्यादा गांवों में कई नई परियोजनाओं के लिए रोक जारी है। जमीन की खरीदी-बिक्री बैन होने की वजह से वहां रहने वाले हजारों लोग परेशान हो रहे हैं। जरूरत के समय वे अपनी ही जमीन नहीं बेच पा रहे हैं।