नई दिल्ली. अगर आप अपने एलपीजी प्रदाता कंपनी से संतुष्ट नहीं हैं तो जल्द ही इससे राहत मिल सकती है। मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की तर्ज पर एलपीजी उपभोक्ताओं को यह विकल्प मिल सकता है कि वे अपने मौजूदा कनेक्शन को बदले बिना गैस कंपनी बदल सकें। सरकार इस योजना को जल्द लागू करने की तैयारी कर रही है।
तेल नियामक पेट्रोलियम और नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड ने ‘एलपीजी इंटरऑपरेबिलिटी’ पर हितधारकों और उपभोक्ताओं से सुझाव आमंत्रित किए हैं। बोर्ड का कहना है कि कई बार स्थानीय वितरक के पास संचालन संबंधी दिक्कतें होती हैं और उपभोक्ता के पास विकल्प सीमित रह जाते हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को कंपनी या डीलर चुनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, खासकर तब जब सिलेंडर की कीमत समान हो। इसे देखते हुए बोर्ड अब इंटर-कंपनी पोर्टेबिलिटी की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। उपभोक्ताओं से सुझाव मिलने के बाद पीएनजीआरबी इसके लिए नियम और दिशानिर्देश तैयार करेगा और देश में इसे लागू करने की तारीख तय करेगा।