रायपुर. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल को आज एसीबी-ईओडब्ल्यू की विशेष कोर्ट में पेश किया गया है। कोर्ट ने चैतन्य बघेल को 13 अक्टूबर तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा।
बता दें कि ईओडब्ल्यू ने चैतन्य बघेल को 13 दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की है। रिमांड खत्म होने पर आज उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। चैतन्य को 13 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। वहीं चैतन्य बघेल के बेल के लिए ईओडब्ल्यू कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई है, जिस पर सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी।
भूपेश बघेल ने कोर्ट में बेटे चैतन्य से की मुलाकात
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कोर्ट पहुंचे और अपने बेटे चैतन्य बघेल से मुलाकात की। चैतन्य बघेल और वकील से कोर्ट के फैसलों की जानकारी ली। बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि ईओडब्ल्यू ने आज चैतन्य बघेल को अदालत में पेश किया, क्योंकि उनकी रिमांड आज समाप्त हो गई थी। उन्हें 13 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। चैतन्य बघेल ने अपनी जमानत के लिए याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी।
ईडी ने चैतन्य बघेल को जन्मदिन के दिन किया था गिरफ्तार
ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन पर 18 जुलाई को भिलाई निवास से धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत गिरफ्तार किया था। शराब घोटाले की जांच ईडी ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस घोटाले के कारण प्रदेश के खजाने को भारी नुकसान हुआ और करीब 2,500 करोड़ रुपए की अवैध कमाई (पीओसी) घोटाले से जुड़े लाभार्थियों की जेब में पहुंचाई गई।
चैतन्य को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये नगद मिले
ईडी की जांच में पता चला है कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले के 16.70 करोड़ रुपए मिले हैं। उन्होंने इस पैसे का इस्तेमाल अपनी रियल एस्टेट फर्मों में किया है। इस पैसे का उपयोग उनके प्रोजेक्ट के ठेकेदार को नकद भुगतान, नकदी के खिलाफ बैंक प्रविष्टियों आदि के माध्यम से किया गया था। उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ भी मिलीभगत की और अपनी कंपनियों का उपयोग एक योजना तैयार करने के लिए किया, जिसके अनुसार उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर अपने “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैटों की खरीद की आड़ में अप्रत्यक्ष रूप से 5 करोड़ रुपये प्राप्त किए। बैंकिंग ट्रेल है जो इंगित करता है कि लेन-देन की प्रासंगिक अवधि के दौरान त्रिलोक सिंह ढिल्लों ने अपने बैंक खातों में शराब सिंडिकेट से भुगतान प्राप्त किया।