प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर में चल रहे गार्बेज कैफे की सराहना की। उन्होंने इसे स्वच्छता के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक और अभिनव पहल बताया। पीएम मोदी ने कहा कि, अंबिकापुर में ऐसा कैफे है, जहां प्लास्टिक कचरा देने पर भरपेट भोजन मिलता है। एक किलो प्लास्टिक पर दोपहर या रात का खाना, आधा किलो पर नाश्ता दिया जाता है। यह कैफे अंबिकापुर नगर निगम द्वारा संचालित है।
महापौर मंजूषा भगत ने प्रधानमंत्री की सराहना को पूरे शहर के लिए गर्व की बात बताया है। प्रधानमंत्री की सराहना इसी रणनीति का परिणाम है। पूर्व महापौर के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बंद करने की कोई मंशा नहीं थी, बल्कि सुधार की रणनीति बनाई गई थी। कांग्रेस झूठ फैलाने में माहिर है। प्रधानमंत्री की सराहना इसी रणनीति का परिणाम है।
पूर्व महापौर ने लगाया बंद करने का आरोप
वहीं दूसरी तरफ पूर्व महापौर डॉ. अजय तिर्की ने पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि गार्बेज कैफे अंबिकापुर की पहचान बन चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान महापौर इसे बंद करना चाहती थीं, लेकिन जनविरोध के चलते ऐसा नहीं हो सका।
2019 में हुई थी शुरुआत
दरअसल गार्बेज कैफे की शुरुआत वर्ष 2019 में कांग्रेस शासनकाल में हुई थी। शुरुआती दिनों में रोजाना 20–25 लोग प्लास्टिक जमा कर भोजन लेते थे।कोरोना काल के बाद यह संख्या घटकर अब औसतन 8–9 रह गई है। प्रधानमंत्री की सराहना के बाद अंबिकापुर का गार्बेज कैफे एक बार फिर राष्ट्रीय चर्चा में है तो वहीं दूसरी तरफ बयान बाजी और सियासत भी तेज हो गई है।



















