पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य की जनता ने वर्ष 2005 में ही तय कर लिया था कि उसे तरक्की की राह पर बढ़ता हुआ बिहार चाहिए। 2005 से पहले का दौर आप सब को याद होगा, जब बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर था। हर तरफ अराजकता का माहौल था। बिहार के लोग अब कभी भी दो दशक पहले के उस अराजक दौर में वापस नहीं लौटेंगे।
नीतीश ने कहा है कि 2005 में जब हमलोगों की सरकार बनी, तो हमने सबसे पहले विधि-व्यवस्था के संधारण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कानून का राज स्थापित किया। अपराध और भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी गई। मुख्यमंत्री ने रविवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा है कि 2005 के पहले लोगों का घरों से निकलना दूभर था। शाम छह बजे के बाद लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाते थे। बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं थीं। राज्य में अपहरण का धंधा उद्योग का रूप धारण कर चुका था। शोरूम से दिनदहाड़े गाड़ियां लूट ली जाती थीं।



















