छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में 4 नवंबर 2025 को दर्दनाक ट्रेन हादसा हो गया. कोरबा से बिलासपुर आ रही मेमू पैसेंजर ट्रेन रेलवे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी पर चढ़ गई. इस हादसे में 12 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 19 लोग घायल हुए हैं. इस हादसे को लेकर रेलवे की जांच टीम ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपी है. इस जांच में मृतक लोको पायलट विद्यासागर को दोषी पाया गया है.
ट्रेन ड्राइवर पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज
वहीं इसमें ट्रेन ड्राइवर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है. रेलवे अधिकारी ने तोरवा थाने में इसे लेकर शिकायत दी. जिसके बाद FIR दर्ज किया गया है. वहीं तोरवा पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
जांच में लोको पायलट विद्यासागर को पाए गए दोषी
रेल हादसे को लेकर जांच टीम ने अपनी प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है. इस रिपोर्ट के मुताबिक हादसे का ‘जिम्मेदार’ लोको पायलट विद्यासागर है. जांच टीम की ओर से रेलवे को भेजी गई जानकारी में खुलासा हुआ है कि लोको पायलट विद्यासागर को महीने भर पहले ही यात्री ट्रेन चलाने के लिए तैयार किया गया था. इससे पहले लोको पायलट विद्यासागर गुड्स यानी मालगाड़ी चलाता था.
कई तथ्यों की जांच अभी बाकी
रेलवे की जांच टीम को अभी इस हादसे में कई तथ्यों पर जांच करना बाकी हैं. इनमें लोको पायलट के लर्निंग काउंसलिंग और सिग्नल की विजिबिलिटी के अलावा यह भी देखेगी कि लोको पायलट ने कितने किलोमीटर ट्रेन चलाया है और सीखा शामिल है. इसके अलावा इस तरह के कई तथ्यों की जांच होगी.



















