खरमास 16 दिसम्बर मंगलवार को दिन में 01.24 बजे से आरंभ होने के कारण आगामी चौदह जनवरी तक शहनाईयों की गूंज जिले की फिजाओं में सुनाई नहीं देगी। महावीर व अन्नपूर्णा पंचांगों के अनुसार मूल नक्षत्र व धनु राशि की सूर्य संक्रांति 16 दिसंबर मंगलवार को दिन में 01:24 बजे से होगी। अर्थात् भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर जायेंगे और इसी के साथ खरमास प्रारंभ हो जाएगा। खरमास की अवधि में पूजा-पाठ, ग्रह शान्ति आदि अनुष्ठान वर्जित नहीं होते हैं। इस माह में बस मांगलिक कार्य जैसे- विवाह, गृह प्रवेश, इत्यादि काम नहीं किए जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, खरमास में किए गए पुण्य कर्म कई गुना फल देते हैं। इस दौरान भगवान विष्णु, सूर्य देव और तुलसी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। इस माह में कुछ विशेष उपाय करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं, खरमास में क्या उपाय करने चाहिए-
सूर्य देव को अर्घ्य दें
प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य देव को जल अर्पित करें। इससे मान-सम्मान बढ़ता है और करियर से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं।
भगवान विष्णु की पूजा करें
खरमास में विष्णु सहस्रनाम का पाठ या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। इससे मानसिक शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
इस महीने में तिल, गुड़, चावल, कंबल, वस्त्र और अन्न का दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। इससे ग्रह दोषों का प्रभाव कम होता है।
प्रतिदिन तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें और दीपक जलाएं। मान्यता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
खरमास में तामसिक भोजन से परहेज करें। सात्विक भोजन और संयमित जीवनशैली से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।


















